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Damoh News: बारिश में फिर मुसीबत भरा होगा पाटन गांव का मार्ग

 

Damoh News: मानसून जैसे जैसे करीब आता है। सड़क विहीन ग्रामों के रहवासियों की धड़कने भी बढ़ने लगती हैं। दरअसल मार्ग कच्चे होने से बारिश के मौसम में दलदल बन जाते हैं जो ग्रामीणों को परेशानी का कारण बनते हैं। थाना क्षेत्र मड़ियादो अंतर्गत पाटन गांव के वाशिंदे आजादी के बाद से आज तक पक्की सड़क और जंगली नाला पर पुल के नहीं होने से विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे हैं। ग्राम पंचायत चौरईया अंतर्गत आने वाले इस पाटन गांव में यादव और आदिवासी करीब 2 सैकड़ा परिवार रहते हैं।

बारिश के मौसम में जब नाला उफान पर होता है उस समय यह लोग कही भी नहीं आ जा सकते हैं। ऐसे में बीमारों और प्रसुताओं को सबसे अधिक खतरा हो जाता है।बीते वर्ष एक महिला को प्रसव पीड़ा होने पर प्रशासन की टीम द्वारा ग्रामीणों की मदद से उफनाए नाले पर कड़ी मशक्कत कर रेस्क्यू कर अस्पताल पहुंचाया था। उस समय नाला अगर थोड़ा और उफान पर होता तो परेशानी निश्चित बड़ी हो जाती। यहां के रहवासी निरंतर नाले के पुल और सड़क की मांग कर रहे हैं पर नतीजा कुछ नहीं निकला।

नारायणपुरा ग्राम पंचायत अंतर्गत बनोली गांव में भी करीब एक सेकड़ा परिवार मुख्यमार्ग से करीब तीन किमी दूरी ऊबड़ खाबड़ मार्ग से आवागमन करने मजबूर हैं। यहां आज तक किसी भी प्रकार से सड़क पर मिट्ठी तक उपयोग नहीं की गई। बारिश के मौसम में गड्डों और फिसलन वाले मार्ग से आवागमन करते हैं।

यहां भी बीमार को चारपाई का सहारा होता है तब कहीं मुख्य मार्ग से वाहन मिल पता है। इसी पंचायत के कुंवरपुरा की भी यही स्थिति है। ग्राम पंचायत दमोतीपुरा के सूरजपुरा में दो मोहल्ले हैं यहां एक मोहल्ले तक तो ग्रेवल सड़क है पर दूसरे के करीब 25 परिवार सड़क के अभाव में परेशान होते हैं। ग्राम पंचायत वर्धा अंतर्गत झोदा और इमलिया गांव के लोग भी सड़क के अभाव में विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे हैं। गावों में सड़के नहीं होने से कही बारिश में शिक्षक स्कूल तो कहीं बच्चे भी स्कूल नहीं पहुंच पाते।