MP news: एक जिले से दूसरे जिले में ट्रांसफर की चाहत रखने वाले पटवारीयो के लिए राजस्व विभाग ने जारी की नई नीति
Mp news: mp नई ट्रांसफर पॉलिसी जारी होने के बाद, एक जिले से दूसरे जिले में ट्रांसफर चाहने वाले पटवारियों के लिए राजस्व विभाग ने नई संविलियन नीति 2025 जारी की है। इस नीति के तहत, एक जिले से किसी दूसरे जिले में संविलियन का आवेदन करने के लिए 16 फरवरी 2024 के पहले नियुक्त हुए पटवारी ही पात्र होंगे। इसके बाद नियुक्त हुए पटवारी इस नीति के तहत केवल तीन परिस्थितियों में ही इंटर डिस्ट्रिक्ट संविलियन के पात्र माने गए हैं।
संविलियन के आवेदन आयुक्त भू अभिलेख द्वारा
केवल ऑनलाइन लिए जाएंगे। आवेदनों का सत्यापन संबंधित जिले के कलेक्टर द्वारा ऑनलाइन ही किया जाएगा। पात्र आवेदकों के प्रस्ताव आयुक्त भू-अभिलेख की ओर से राजस्व विभाग को भेजे जाएंगे। राज्य शासन के अनुमोदन के बाद ही आयुक्त भू-अभिलेख संविलियन के आदेश जारी करेंगे। जिले के भीतर पदस्थापना कलेक्टर करेंगे, लेकिन किसी भी पटवारी को उसकी गृह तहसील में पदस्थ नहीं किया जाएगा। एक बार संविलियन होने के बाद इसे दोबारा बदला नहीं जाएगा। गौरतलब है कि जीएडी की ओर से जारी ट्रांसफर पॉलिसी में पटवारी पद को जिला स्तरीय संवर्ग का माना गया है। इस कारण राजस्व विभाग ने यह पॉलिसी जारी करनी पड़ी है। प्रदेश में 4 हजार से अधिक पटवारी हैं। इनमें से करीब 300 की नियुक्ति फरवरी 2024 के बाद हुई है।
संविलियन और परिवीक्षा अवधि संबंधी दिशा-निर्देश :
संविलियन के बाद संबंधित पटवारी की पर्सनल फाइल, जांच और दंड या स्पेशल ड्यूटी आदि की जानकारी पुराने जिले से नए जिले को भेजी जाएगी। संविलियन की संख्या जीएडी द्वारा जारी ट्रांसफर पॉलिसी में तय स्लैब के हिसाब से की जाएगी। ऐसे पटवारी जिनके खिलाफ लोकायुक्त या आपराधिक प्रकरण दर्ज है, उन्हें संविलियन के लिए अपात्र माना जाएगा।
सिर्फ इन 3 परिस्थितियों में ही संविलियन के पात्र होंगे फरवरी 2024 के बाद नौकरी में आए पटवारी
पति-पत्नी दोनों के सरकारी नौकरी में होने पर, चाहे गए जिले में पटवारी का पद रिक्त होने पर ही आवेदन किया जा सकेगा।
विवाहित महिला, विधवा, तलाकशुदा या परित्यक्ता महिला पटवारी या किसी गंभीर बीमारी जैसे कैंसर, किडनी डायलिसिस, ओपन हार्ट सर्जरी से ग्रस्त होने पर भी आवेदन स्वीकार किया जाएगा। लेकिन दूसरे जिले में संविलियन तभी होगा, जब उस जिले में पटवारी का पद रिक्त हो।
आपसी आधार पर संविलियन के मामलों में मिलने वाले आवेदन तभी लिए जा सकेंगे, जब दोनों आवेदनकर्ताओं की श्रेणी व उपश्रेणी एक हो