Chhatarpur news: जो शादीशुदा नहीं या जो 2020 के पहले क्षेत्र का निवासी नहीं, उन्हें अपात्र बता रही नगर पालिका
Chhatarpur news:प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 शहरी के तहत छतरपुर नगरीय निकाय में अभी तक 3600 लोगों ने आवेदन किए हैं। एसडीएम के आदेश पर 15 दिन पहले ही राजस्व एवं नगरीय निकाय के अधिकारी-कर्मचारियों ने आवेदनों की जांच शुरू की है। लेकिन अधिकारी शासन की गाइडलाइन अनुसार सर्वे न करते हुए खुद के निमय-कानून बताकर लोगों का सर्वे कर रहे हैं।
इसमें पात्र लोगों को अपात्र और अपात्र लोगों को पात्र बताया जा रहा है। शहर में 40 वार्ड हैं, सभी वार्डों से आवेदनों की जांच करने के लिए 4 टीमें बनाई हैं। एक टीम में 9 लोग हैं। नगर पालिका से एक उपयंत्री, 3 एआरआई, संबधित वार्ड प्रभारी और राजस्व विभाग से एक राजस्व निरीक्षक एवं दो पटवारियों को टीम में शामिल किया है।
लेकिन ये मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं। जिसके चलते ऐसे लोग जो शादीशुदा नहीं हैं, किराए के मकानों में निवास कर रहे हैं, 2020 के बाद के निवासी हैं और चद्दर की छत व कच्चे मकानों में निवास कर रहे हैं उनके आवेदन निरस्त किए जा रहे हैं। अभी तक हुई जांच में सबसे अधिक आवेदन वार्ड 11 से 20 में निरस्त किए हैं।
वहीं दूसरी ओर इस टीम के दल प्रभारी उपयंत्री आमिर खान अपने जान-पहचान वाले अपात्र लोगों को पात्र कर उनके नाम पात्रता सूची में जोड़ रहे हैं। इसी तरह तीन अन्य टीमें भी जांच करने में अनियमितताएं कर रहीं है। इस ओर अधिकारियों का ध्यान नहीं हैं।
कैस 1. शहर के गौख्या रोड निवासी कंचन अहिरवार ने बताया वह अपने परिवार के साथ बीते 5 वर्षों से शहर में निवास कर रही हैं। साथ ही शहर में मजदूरी न मिलने से कई बार वह बड़े शहरों के लिए भी पलायन कर जाते हैं। आवास योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। लेकिन जांच दल उनके यहां जांच करने नहीं आया। वह जब नगर पालिका इसकी जानकारी लेने के लिए पहुंची तो पता चला कि, उनकी जांच हो गई है और वह अपात्र हैं।
केस 2. वार्ड 15 निवासी देवीदीन साहू ने बताया वह जिस मकान में निवास करते हैं। उसमें चद्दर डले हैं। उनके निवास पर कहीं पर भी पक्की छत नहीं हैं। इसके बाद भी नगर पालिका वालों द्वारा उन्हें अपात्र कर दिया गया है। जबकि, आवास की गाइडलाइन में कच्चे मकानों और दीवारों पर चद्दर डालकर रह रहे लोगों को आवास योजना का लाभ दिए जाने का प्रावधान है। देवीदीन के घर में चद्दर डले होने पर आवेदन किया निरस्त।
बिना जांच किए ही आवेदन निरस्त किए जा रहे
केस 3. वार्ड 18 कमला कॉलोनी निवासी गीतादेवी ने बताया वह छतरपुर शहर में 12 वर्ष से निवास कर रही हैं। आवास योजना का लाभ लेने के लिए पहले भी उन्होंने दो बार आवेदन किया है। अभी आवास योजना 2.0 के लिए एक बार फिर आवेदन किया है। वह वर्तमान में किराए के मकान में निवास कर रही हैं। उनका प्लॉट सरानी रोड पर स्थित है। उनके प्लॉट के आस-पास पहले से भी आवास योजना अंतर्गत प्लॉट बने हुए है। लेकिन नगर पालिका अधिकारियों द्वारा उन्हें अपात्र बताया जा रहा है।
कैस 4. बेनीगंज मोहल्ला निवासी अरविंद्र चौधरी ने बताया वह 6 वर्षों से छतरपुर शहर में हैं। इसके सभी दस्तावेज भी हैं। आवास के लिए आवेदन किया था। लेकिन नगर पालिका के जांच दल ने अपात्र बता दिया। नगर पालिका अधिकारी ने बताया आपके पास 2020 के पहले का निवास नहीं हैं। जबकि शासन नियम में इस बात का कहीं जिक्र नहीं किया गया। गाइडलाइन में 2024 के पहले का निवासी होना अनिवार्य बताया गया है।
2017-18 से शहर में नए आवास स्वीकृत नहीं
छत्तरपुर नगरीय क्षेत्र अंतर्गत 2018 के बाद एक भी नया आवास स्वीकृत नहीं हुआ है। हालांकि योजना का लाभ लेने के लिए शहर के लोगों ने नगर पलिका में आवेदन किए हैं। लेकिन तत्कालीन अधिकारी हितग्राहियों को जांच के नाम पर उलझाए रखा। वहीं एक बार फिर शासन के निर्देश प्राप्त होने के बाद आवास योजना 2.0 अंतर्गत
ऑनलाइन आवेदन शुरू किए गए। इसके लिए नगरीय क्षेत्रों को टार्गेट भी दिए गए हैं। जैसे ही आवास योजना 2.0 शुरू हुई नगर पालिका के द्वारा पहले से जांच में पात्र पाए गए आवेदनों को निरस्त कर दिया गया, जबकि उनकी जांच अधिकारियों के द्वारा कंपलीट की जा चुकी थी। अब उनसे भी दोबारा आवेदन कराते हुए जांच की जा रही है।
राजस्व अधिकारी, कर्मचारी जांच करने पहुंचे
शासन से प्राप्त निर्देश अनुसार आवास योजना की जांच राजस्व और नगर पालिका को मिलकर करना है। इसके लिए ड्यूटी आदेश में भी पटवारियों और राजस्व निरीक्षकों को जांच के लिए निर्देशित किया है। लेकिन जांच के दौरान कोई भी राजस्व अधिकारी-कर्मचारी मौजूद नहीं रहते। जिसका फायदा उठाकर नगर पालिका की टीम पात्र लोगों के आवेदन भी अपात्र कर रही हैं। आवेदनों की जांच प्रक्रिया में शासन की गाइडलाइन का पालन कराने की जिम्मेदारी तहसीलदार और सीएमओ की है।
शासन की गाइडलाइन अनुसार जांच करने निर्देश
जांच टीम में शामिल उपयंत्री और नगर पालिका के कर्मचारियों को शासन की गाइडलाइन अनुसार हितग्राहियों को पात्र और अपात्र करने के निर्देश दिए हैं। अगर जांच दल द्वारा पात्र लोगों को अपात्र किया जा रहा है तो संबंधित की जांच दोबारा से की जाएगी और पात्रों को योजना का लाभू दिया जाएगा। -माधुरी शर्मा, सीएमओ, छतरपुर