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Harda News: जांच टीम को कटवर्म इल्ली, भभूतिया और पीला मोजेक रोग के लक्षण मिले

 

Harda News: शुक्रवार को कृषि विज्ञान केंद्र हरदा की टीम ने बघवाड़, पोखरनी, अहलवाड़ा और चौकड़ी गांवों के खेतों में ग्रीष्मकालीन मूंग फसल का निरीक्षण किया। दल में वैज्ञानिक डॉ. मुकेश कुमार बंकोलिया, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी टिमरनी वीरेंद्र साहू, कृषि विस्तार अधिकारी रितिक तंवर और शैलेंद्र सिंह सिंगोड़ शामिल रहे किसान राहुल, सुरेश दोगने, सुंदरलाल पाटिल, दीपक चौधरी और राजेश दोगने के खेतों में मूंग की फसल में कटवर्म इल्ली, भभूतिया और पीला मोजेक रोग के लक्षण मिले। टीम ने किसानों को बताया कि कटवर्म कीट दिन में फसल के अंदर या जमीन की दरारों में छिपा रहता है। इसके नियंत्रण के लिए सुबह या देर शाम कीटनाशक का छिड़काव करें।

किसानों को बताए यह उपाय

जांच टीम ने किसानों को वर्तमान में मूंग फसल पर रोगों के प्रकोप का नियंत्रण करने के लिए बताया कि प्रोफेनोफास 40% + सायपरमेथ्रिन 4% ईसी 400 एमएल प्रति एकड़ या प्रोफेनोफास 50% ईसी 500 एमएल प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें। भभूतिया रोग के लिए माइक्रोब्यूटेनिल 10 डब्ल्यूपी 150 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें। पीला मोजेक रोग फैलाने वाली सफेद मक्खी के नियंत्रण के लिए इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल 50 एमएल प्रति एकड़ या थायोमेथाक्जाम 25 डब्ल्यूपी 40 एमएल प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें। प्रति एकड़ 100 से 125 लीटर पानी पावर पंप से छिड़‌काव में उपयोग करें। रसायनों को आपस में मिलाकर ना छिड़कें। छिड़काव के समय जरूरी सावधानियां जरूर बरतें।