Movie prime

आरोग्य मंदिर का भवन तैयार, लेकिन स्टाफ और संसाधनों की कमी से नहीं हो पा रहा संचालन

 

Burhanpur News: नगर के वार्ड नंबर आठ में लगभग 22 लाख रुपए की लागत से मुख्यमंत्री संजीवनी क्लिनिक का निर्माण कर आयुष्मान आरोग्य मंदिर के रूप में तैयार किया गया। हालांकि, यह क्लिनिक दो साल से तैयार होने के बावजूद अब तक चालू नहीं हो पाया है। यहां न तो डॉक्टर और न ही पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति हुई है, और न ही आवश्यक संसाधन और सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।

पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के स्थानांतरण के बाद यह क्लिनिक स्थानीय लोगों के लिए सुविधाजनक स्थान पर तैयार हुआ। यदि इसे समय पर चालू किया जाता, तो आसपास के क्षेत्रों के लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं तक आसानी से पहुंच मिल सकती थी। लेकिन भवन अब तक बेकार पड़ा हुआ है और रात के समय असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है। खिड़की-दरवाजे भी क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, और आसपास झाड़ियां उग चुकी हैं। अगर जल्द ही कार्रवाई नहीं की गई तो भवन धीरे-धीरे खंडहर बनने की स्थिति में है।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी लगातार प्रक्रिया पूरी होने की बात कहते रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। जिले में कुल पांच संजीवनी क्लिनिक बनाए गए हैं, लेकिन केवल बुरहानपुर में ही एक केंद्र चालू हो पाया है। अन्य केंद्रों के लिए संसाधन और सुविधाएं जुटाने की प्रक्रिया उच्च स्तर से चल रही है।

वर्तमान में अधिकांश प्राथमिक और उप स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर, नर्स, फार्मासिस्ट और अन्य स्टाफ की भारी कमी है। महिलाओं के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर उपलब्ध नहीं हैं और जांच सुविधाओं की भी कमी बनी हुई है। ऐसे में यह केंद्र फिलहाल केवल रैफर सेंटर के रूप में काम कर रहा है।

स्थानीय लोगों और आसपास के निवासियों का कहना है कि अगर जल्द ही स्टाफ और संसाधन नहीं मिले तो भवन बेकार होकर सामाजिक और स्वास्थ्य दृष्टि से नुकसानदेह साबित होगा। पुराने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी इसी तरह की समस्याएं लंबी अवधि से बनी हुई हैं।

विशेषज्ञों और स्थानीय लोगों का मानना है कि सरकार को उच्च स्तर पर संजीवनी क्लिनिकों के संचालन की निगरानी करनी चाहिए ताकि निवेश बेकार न जाए और आमजन को समय पर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें। यदि प्रशासन ने शीघ्र कदम नहीं उठाए, तो यह भवन और आसपास का क्षेत्र धीरे-धीरे असुरक्षित और अनुपयोगी बन जाएगा।

इसलिए यह जरूरी है कि जल्द से जल्द स्टाफ की नियुक्ति की जाए, आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाएं और भवन को चालू किया जाए, ताकि क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ जनता को मिल सके।