मध्यप्रदेश के हर घर में रोजगार पहुंचाने का लक्ष्य, उद्योग-रोजगार दिवस का होगा आयोजन
मध्यप्रदेश सरकार अपने राज्य के हर घर में रोजगार पहुंचाने का प्रयास करेगा। इसके लिए उद्योग-रोजगार दिवस का आयोजन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि एमएसएमई के तहत हर घर तक रोजगार पहुंचाने का सरकार का लक्ष्य है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश के हर घर को रोजगार दिलाने के लिए सरकार प्रयास कर रही है। हर परिवार को रोजगार पहुंचाने का रास्ता सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग यानी एमएसएमई के विस्तार से जाता है। उन्होंने स्थानीय संसाधनों के अनुसार उद्यमिता को बढ़ावा देने और पारंपरिक उद्योगों के आधुनिकीकरण पर जोर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए अनेक योजनाओं का खाका तैयार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी अंचलों में समान रूप से उद्यमिता का विस्तार करने के निर्देश देते हुए कहा कि प्रत्येक परिवार तक रोजगार पहुंचाने का लक्ष्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम से प्राप्त किया जा सकता है। प्रत्येक जिले में स्थानीय संसाधनों व दक्षताओं के अनुसार सूक्ष्म गतिविधियों को बढ़ावा देना जरूरी है। उन्होंने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मसाला-आटा चक्की, तेल घानी, कोदो-कुटकी पर आधारित इकाइयों और खाद्य प्रसंस्करण गतिविधियों को प्राथमिकता देनी होगी, तभी हम यह लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। वहीं हमारे पारंपरिक उद्योगों जैसे पावरलूम को आधुनिकता की जरूरत है। विशेषज्ञों के सहयोग से इस उद्योग को आधुनिक स्वरुप देना जरूरी है। इससे रोजगार के अनेक अवसर बढ़ेंगे। स्थानीय स्तर पर ही युवाओं को काम मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 को उद्योग और रोजगार वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। अगले दो महीने में अलग-अलग अंचलों में उद्योग रोजगार दिवस आयोजित किए जाएंगे। ऐसे में युवाओं को रोजगार के नए अवसरों के बारे में जागरूक किया जाएगा।
स्टार्टअप सम्मेलन
मुख्यमंत्री ने कहा कि 27 जून को एमएसएमई दिवस मनाया जाएगा। इस मौके पर इंदौर में एक बड़ा कार्यक्रम किया जाएगा। इसी तरह सितंबर में भोपाल में स्टार्टअप पर केंद्रित सम्मेलन का आयोजन भी किया जाएगा। इस प्रकार के आयोजनों से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। युवाओं को नवाचार से अवगत करवाया जाएगा, जिससे उनको आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी। बैठक में बताया गया कि इस समय 17.55 लाख पंजीकृत एमएसएमई इकाइयां हैं। इनमें माध्यम से 92 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला हुआ है। इनमें से 5300 स्टार्टअप में से 2500 अकेले महिलाओं द्वारा संचालित किए जा रहे हैं। ऐसे में 1475 करोड़ रुपये के माध्यम से सभी लंबित अनुदानों का निपटान कर लिया गया है।