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फिल्टर प्लांट की प्रयोगशाला में एक साल से जांच बंद, नलों से मिल रहा गंदा पानी, स्वास्थ्य संकट बढ़ा

 

Chhatarpur News: नगर पालिका की लापरवाही के कारण शहरवासियों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल पा रहा है। नलों से गंदा और कीड़े वाला पानी आ रहा है, जबकि हर माह 163 रुपए जलकर के रूप में वसूले जा रहे हैं। करीब सवा लाख की आबादी वाले इस शहर में रोजाना 46 लाख लीटर से अधिक पानी सप्लाई होता है। दस साल पहले 36 करोड़ की लागत से नलजल योजना शुरू हुई थी, लेकिन अब यह योजना खराब स्थिति में पहुंच चुकी है।

गर्सेली स्थित फिल्टर प्लांट की प्रयोगशाला दो साल से बंद है, जिससे पानी की जांच नहीं हो रही है। बिना जांच के दूषित पानी सप्लाई किया जा रहा है, खासकर बारिश के मौसम में नलों से गंदा पानी आने लगता है। ठेकेदार से नगर पालिका को सप्लाई का काम मिलने के बाद स्थिति और बिगड़ी है। कई नागरिकों ने नगर पालिका की कथित लापरवाही और गंदे पानी की शिकायत की है।

फिल्टर प्लांट पर पानी को शुद्ध करने के लिए फिटकरी और ब्लीचिंग पाउडर का इस्तेमाल होता है, लेकिन अधिकारियों द्वारा इसमें धांधली की जा रही है। तय मापदंडों के अनुसार पर्याप्त मात्रा में रसायन नहीं डाले जा रहे हैं, जिससे पानी की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।नगर पालिका के अधिकारी आरएस अवस्थी ने कहा कि बारिश के कारण पानी गंदा आ रहा है और फिल्टर प्लांट की सफाई का काम चल रहा है। परसों से शुद्ध पेयजल की सप्लाई शुरू कर दी जाएगी।

डॉक्टर रविन्द्र पटेल ने चेतावनी दी है कि दूषित पानी पीने से उल्टी, दस्त और डायरिया जैसी पेट संबंधी बीमारियां हो सकती हैं, इसलिए साफ पानी की आवश्यकता अत्यंत जरूरी है।