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40 किमी का टेंडर रद्द, नई योजना में 80 किमी सड़क एक साथ बनेगी

 

Damoh News: दमोह–जबलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सड़क निर्माण लंबे समय से अधर में लटका हुआ है। पहले योजना थी कि लगभग 100 किमी लंबे इस मार्ग को तीन हिस्सों में बांटकर अलग-अलग एजेंसियों से बनवाया जाएगा। लेकिन अब राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने अपनी रणनीति बदल दी है। दमोह से जबेरा तक 40 किमी सड़क के लिए जारी टेंडर निरस्त कर दिया गया है और निर्णय लिया गया है कि 80 किमी सड़क का काम एक ही ठेका कंपनी को दिया जाएगा। इसके लिए नया प्रस्ताव मंत्रालय को भेजा जा चुका है, लेकिन स्वीकृति आने में अभी कुछ महीने और लग सकते हैं। इस बीच जर्जर सड़क पर आवागमन करने वाले लोगों को फिलहाल राहत नहीं मिलेगी।

इस मार्ग का लगभग 20 किमी हिस्सा वन विभाग के अधीन आता है। यह रानी दुर्गावती अभयारण्य के कोर एरिया से होकर गुजरता है। इसी कारण इस हिस्से का डीपीआर और डिजाइन अब तक तैयार नहीं हो पाया। एनएचएआई को इस मार्ग के लिए वन विभाग से एनओसी की आवश्यकता है। प्रक्रिया लंबी है—पहले सड़क किनारे पेड़ों की गिनती होगी, फिर रिपोर्ट राज्य और राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड को भेजी जाएगी। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद केंद्रीय वन मंत्रालय अंतिम मंजूरी देगा। पूरी प्रक्रिया पूरी होने में दो से ढाई साल का समय लग सकता है। इस क्षेत्र में सामान्य सड़क बनेगी या ओवरब्रिज, यह भी तभी तय होगा।

वन्यजीव विशेषज्ञों की एक टीम पिछले 20 दिनों से अभयारण्य क्षेत्र का निरीक्षण कर रही है। यह अध्ययन छह माह तक चलेगा और तीनों मौसम—गर्मी, बरसात और सर्दी—में प्रभाव का आकलन किया जाएगा। खासकर 6 किमी सड़क जो कोर एरिया से गुजरती है, उसके लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है। एनएचएआई चाहता है कि इस हिस्से में 10 मीटर की जगह 30 मीटर चौड़ी सड़क बनाई जाए ताकि भविष्य में दोबारा अनुमति लेने की जरूरत न पड़े।

अधिकारियों का कहना है कि अलग-अलग हिस्सों में काम बांटने से गुणवत्ता और रख-रखाव पर असर पड़ता है। इसी वजह से अब पूरा काम एक ही एजेंसी को सौंपने का निर्णय लिया गया है। नई डिजाइन के अनुसार सड़क की चौड़ाई भी अलग-अलग होगी। जबलपुर से कटंगी तक 30 मीटर चौड़ी फोरलेन सड़क बनेगी, कटंगी से अभाना तक सड़क केवल 10 मीटर चौड़ी रखी जाएगी और अभाना से दमोह तक फिर से 30 मीटर चौड़ाई रखी जाएगी।

यह पूरा प्रोजेक्ट लगभग 335 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा। इसमें चार बायपास शामिल हैं—अभाना-जबेरा बायपास, अभाना बायपास, नोहटा बायपास और दमोह बायपास। जनवरी 2023 में इस परियोजना का भूमिपूजन केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री ने किया था, लेकिन टेंडर रद्द होने और अनुमति प्रक्रिया लंबी होने के कारण काम शुरू नहीं हो पाया।

वन विभाग के अनुसार पेड़ों की गिनती का काम चल रहा है और इसे डेढ़-दो माह में पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद प्रस्ताव संबंधित बोर्डों को भेजा जाएगा। एनएचएआई का दावा है कि जैसे ही मंजूरी मिलेगी, निर्माण कार्य तेजी से शुरू कराया जाएगा। हालांकि स्थानीय लोगों का मानना है कि लंबी खिंचती प्रक्रियाओं और बार-बार बदलती योजनाओं के कारण सड़क निर्माण में देरी हो रही है और फिलहाल जर्जर मार्ग पर यात्रा करना उनकी मजबूरी है।