Burhanpur News: शिक्षकों ने स्कूल परिसर में लगाए फलदार पौधे
Burhanpur News: विश्व पर्यावरण दिवस गुरुवार को मनाया गया। देवरीमाल स्थित प्राइमरी स्कूल परिसर में वन विभाग और शिक्षकों ने पौधारोपण किया। आमजन को पर्यावरण बचाने के लिए प्रेरित किया। आम, अमरूद, नींबू, कटहल, जामुन, जाम, चीकू सहित कई फलदार पौधे लगाए गए। रेंजर राजकुमार अहिरवार ने कहा जिस दिन पृथ्वी पर पर्यावरण नहीं रहेगा, उस दिन जीवन भी नहीं रहेगा। हम सभी को पौधे लगाकर उनके संरक्षण और पेड़ों को बचाने का संकल्प लेना चाहिए। पेड़-पौधों की कमी और बढ़ते प्रदूषण से हवा, जमीन और पानी जहरीले हो रहे हैं। इसे रोकने के लिए बड़े स्तर पर अभियान चलाने की जरूरत है।
विनोद पवार और संतोष निंभोरकर ने कहा गुलर और ओक के पेड़ पर्यावरण के लिए सबसे उपयोगी माने जाते हैं। ये पक्षियों, गिलहरियों और कीड़ों को आश्रय देते हैं। आम लोग इन्हें अपनी खाली जमीन पर लगाकर पर्यावरण को बचाने में योगदान दे सकते हैं। ओक का पेड़ सैकड़ों कीट प्रजातियों को आश्रय देता है, जो पक्षियों और जानवरों का भोजन बनते हैं।
उन्होंने बताया पेड़ ऑक्सीजन देते हैं और हवा की गुणवत्ता सुधारते हैं। जल और मिट्टी के संरक्षण में मदद करते हैं। वन्य जीवों को सहारा देते हैं। पेड़ों से फल, लकड़ी और जड़ी-बूटियां मिलती हैं। ये छाया देते हैं। बड़े पेड़ के नीचे तापमान सामान्य से 4 से 5 डिग्री सेल्सियस कम होता है। ज्यादा पेड़ लगेंगे, तो ज्यादा शुद्ध ऑक्सीजन मिलेगी। इससे सांस लेने में आसानी होगी। पेड़ तूफानी पानी के बहाव को भी कम करते हैं। इससे जलमागों में कटाव और
प्रदूषण घटता है। बाढ़ का असर भी कम होता है। कई वन्य जीव प्रजातियां पेड़ों पर ही निर्भर होती हैं। पेड़ उन्हें भोजन, सुरक्षा और घर देते हैं। उन्होंने बताया अलास्का पीला देवदार एक ऐसा पौधा है, जो करीब 3500 साल तक जीवित रह सकता है। यह पौधा दो हजार फीट से अधिक ऊंचाई पर कैरकेड पर्वत पर उगता है। इस दौरान स्टाफ मौजूद था।