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Success Story:  रतलाम के मोतीलाल पाटीदार ने इनोवेटिव खेती से किसानों को दिलाया सही दाम, अब बना रहे हैं एमपी का अपना ब्रांड 'अम्बी वाइन'

 

Farmer Success Story Ratlam: 
मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के रहने वाले मोतीलाल पाटीदार एक किसान परिवार से आते हैं। उनके पिताजी 1982 से सब्जी और अंगूर की खेती करते थे, लेकिन बाजार में उचित दाम न मिलने के कारण वे हमेशा असंतुष्ट रहते थे। 2005 में मोतीलाल ने महाराष्ट्र जाकर वाइन अंगूर की खेती और उससे जुड़ी प्रोसेसिंग को देखा और समझा। वहां से लौटने के बाद उन्होंने अपने गांव में इसी मॉडल पर काम करने का निश्चय किया। उन्होंने अपने साथी किसानों को प्रेरित किया और सबने मिलकर वाइन अंगूर की खेती की नींव रखी।

नीति नहीं थी, तो बनवाई

एमपी में उस समय वाइन उत्पादन की कोई नीति नहीं थी। फैक्ट्री लगाने की आवश्यकता थी लेकिन कानूनी आधार नहीं था। मोतीलाल पाटीदार ने किसानों के प्रतिनिधिमंडल के साथ मिलकर सरकार से विशेष पॉलिसी की मांग की। अंततः 2006 में सरकार ने 'ग्रेप्स पॉलिसी' बनाई और यह रास्ता खुला। उसी वर्ष 18 किसानों के साथ मिलकर 'पटेल वाइन एंड फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री' की स्थापना की गई। शुरुआत में 30 एकड़ में अंगूर की खेती की गई थी। धीरे-धीरे इसका रकबा बढ़ता गया और आज यह खेती 200 एकड़ में फैल चुकी है। इस ग्रुप के अंतर्गत अंगूर उत्पादन से लेकर प्रोसेसिंग और मार्केटिंग तक सभी काम व्यवस्थित रूप से होते हैं। इससे जुड़े किसानों को न सिर्फ दाम ठीक मिलता है, बल्कि तकनीकी मार्गदर्शन और स्थायित्व भी प्राप्त होता है।

अम्बाराम पाटीदार की परंपरा का किया निर्वाह

मोतीलाल अपने बड़े पापा अम्बाराम पाटीदार को अपना प्रेरणा स्रोत मानते हैं, जो जीवनभर किसानों के अधिकारों और हितों के लिए लड़ते रहे। ग्रुप के वरिष्ठ सदस्य जमनालाल जी पाटीदार के मार्गदर्शन में ग्रुप लगातार आगे बढ़ रहा है।

नुकसानों से नहीं डरे, नई राह बनाई

2008 से 2015 तक वाइन की बिक्री न होने के कारण संस्था को भारी घाटा हुआ। लोगों की वाइन के प्रति धारणा नकारात्मक थी। उन्होंने सब्जी और जमीन तक बेच दी, लेकिन सपना नहीं छोड़ा। जब सरकार ने शराब और वाइन की दुकानें एक कर दीं, तो स्थिति और बिगड़ी। तब मोतीलाल ने 'अम्बी वाइन' नाम से अलग पहचान बनाई और रिटेल स्टोर्स की मांग की। आज यह ब्रांड न केवल लोकप्रिय है, बल्कि किसानों की मेहनत का प्रतीक बन चुका है। मोतीलाल पाटीदार का सपना है कि उनका क्षेत्र 'वाइन टूरिज्म' के रूप में प्रसिद्ध हो। वे यहां ऐसा केंद्र बनाना चाहते हैं जहां लोग आकर वाइन उत्पादन की प्रक्रिया को देखें, समझें और ग्रामीण विकास की मिसाल को जानें। इससे क्षेत्रीय विकास, रोजगार और ब्रांड पहचान तीनों को बल मिलेगा।

अंगूर की बेलों से समृद्धि की कहानी

पाटीदार ने महाराष्ट्र के अनुभवों को मध्यप्रदेश की जमीन पर लाकर यहां के जलवायु और मिट्टी के अनुसार नया मॉडल विकसित किया। उन्होंने सिंचाई, ग्राफ्टिंग और कटिंग जैसी तकनीकों को किसानों तक पहुंचाया, जिससे उत्पादन और गुणवत्ता दोनों बेहतर हुए।