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शारीरिक क्षमता से अधिक भारी वजन लेकर जा रहे विद्यार्थी

 

Chhatarpur News: नर्सरी से 12वीं तक के छात्र रोजाना तय सीमा से ज्यादा वजन वाले बैग लेकर स्कूल आते हैं। शासन ने बच्चों के स्वास्थ्य और पालकों के आर्थिक बोझ को कम करने के लिए स्कूल बैग पॉलिसी लागू की है। इसके अनुसार, कक्षा 1 से 5 तक बैग का वजन 1.5 से 2.5 किलो, कक्षा 6 और 7 का 2 से 3 किलो, और कक्षा 8 से 12 तक 3 से 4 किलो तक होना चाहिए। लेकिन निजी स्कूलों में इसका पालन नहीं हो रहा।

अधिकांश शिक्षक सभी विषय की किताबें, कॉपी, टिफिन और अन्य आवश्यक सामग्री स्कूल भेजते हैं, जिससे बैग का वजन 5 किलो तक पहुंच जाता है। शिक्षा विभाग के आदेशों के बावजूद स्कूल बैग पॉलिसी का पालन नहीं हो रहा है। सप्ताह में एक दिन बैग विहीन दिवस रखने का निर्देश भी जारी है, लेकिन यह केवल कागजों तक सीमित है।

शासन ने निर्देश दिए हैं कि स्कूलों में केवल एनसीईआरटी और मध्यप्रदेश पाठ्य पुस्तक निगम की किताबें इस्तेमाल हों। फिर भी कई निजी स्कूल महंगी किताबें बेच रहे हैं और पालकों पर दबाव बना रहे हैं।ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में शिकायत पेटियां और फायर सेफ्टी उपकरण जैसे फायर एक्सटिंग्विशर और स्मोक डिटेक्टर अभी भी नहीं लगाए गए हैं, जो छात्र-शिक्षकों की सुरक्षा के लिए आवश्यक हैं।