सोयाबीन के भाव में अब तक 150 रुपए की तेजी आ गई। कृषि उपज मंडी में शुक्रवार को 9500 बोरी की आवक रही, करीब 3.30 करोड़ रुपए की बिक्री हो गई। भाव में 50 रुपए की बड़ी तेजी भी एक दिन में दर्ज हो गई। अब मंडी मुहूर्त के दौरान 24 अक्टूबर को खुलेगी। इस दिन भावांतर खरीदी का भी मुहूर्त होगा। बीज का सोयाबीन करीब मंडी में 700 बोरी बिका। इसके अधिकतम भाव 4926 रुपए रहे।
इधर, मंडी कारोबारी अमर अग्रवाल ने बताया सोयाबीन प्लांट के खरीदी ऑफर 50 रुपए तक बढ़ा दिए गए हैं। नीमच लाइन 4500, इंदौर लाइन 4400 के भाव ऑफर है। मंडी में मिट्टी वाला सोयाबीन 2000 से 3000 रुपए तक अधिक बीका बीज वालों की बड़ी खरीदी से आगामी दिन महंगे बताए जा रहे हैं।
देखा जाए तो सोयाबीन की पैदावार को लेकर भी संशय की स्थिति बनी हुई है। इधर, स्टॉक वालों ने खरीदी रोक दी है। मंडी में सोयाबीन प्लांट की डायरेक्ट खरीदी होने से भाव प्रतिस्पर्धा बनी हुई है। किसानों को भाव भी अच्छे मिल रहे हैं। इधर, सोयाबीन तेल 4 रुपए किलो महंगा हो चुका है।
15 किलो डब्बा 15 रुपए तेज बिका। तेल की दीपावली की भारी खरीदी होने से 3 दिन में चार रुपए किलो भाव बढ़ चुके हैं और खुला सोयाबीन तेल 140 रुपए किलो हो गया है। सोयाबीन प्लांट में भी भाव बढ़कर बिक्री शुरू कर दी है। विदेश से भी टाइट भाव आने से तेजी को सपोर्ट मिलने लगा है। इधर 15 किलो सोयाबीन तेल में 15 रुपए की भाव वृद्धि होकर 2150 रुपए में बिक रहा। आगे भी भाव कमी की स्थिति नहीं बताई जा रही है। देखा जाए तो पूरा एक माह तेल की बिक्री से भरा हुआ रहेगा। ऐसे में भाव गिरने की संभावना फिलहाल कमजोर ही मानी जा रही है। लेकिन कृषि उपज मंडी में दीपावली बाद सोयाबीन की भारी आवक होगी। उस दौरान सोयाबीन प्लांट में तेल का उत्पादन भी बढ़ जाएगा। ऐसे में तेल के भाव में आगामी तेजी के प्रति मजबूत स्थिति भी नहीं बताई जा रही है।
भावांतर योजना को लेकर चल रहा विचार
मंडी के कारोबारी बाबूलाल सिंघल ने बताया बीज वाला सोयाबीन की आवक कम हो रही है। ऐसे में एक गाड़ी बनाने में 5 दिन लग रहे हैं। देखा जाए तो मंडी में 4 से 5 व्यापारी बीज वाले सोयाबीन की खरीदी करते हैं। इसमें कुछ संस्था वाले व्यापारी सीधे किसानों से सौदे कर ग्रेडिंग कर सोयाबीन बीज का व्यापार कर रहे हैं। महाराष्ट्र लाइन पर उज्जैन से ग्रेडिंग सोयाबीन बीज में करोड़ों रुपए का बिकने जाता है। इधर, भावांतर की खरीदी 24 से शुरू होने के पूर्व इस योजना के बारे में समझा जा रहा है। किस रेट का सोयाबीन भावांतर में शामिल होगा। इस पर गहन विचार चल रहा है। इधर किसान भी अपने-अपने ग्रुप बनाकर इस पर चर्चा कर रहे हैं। देखा जाए तो सरकार किसानों को सोयाबीन के भाव समर्थन मूल्य तक देने के लिए भावांतर योजना लेकर आई है। अब इस पर पारदर्शी तरीके से कार्य करना होगा, तभी किसानों को इसमें लाभ मिलेगा।