शिवम चौबे की संदिग्ध मौत, परिजन ने हत्या का आरोप लगाकर न्याय की मांग की
Tikamgarh News: टीकमगढ़ के जतारा निवासी शिवम उर्फ आनंद चौबे (28) पुत्र प्रभुदयाल चौबे की मौत ने पूरे क्षेत्र में चिंता और हलचल पैदा कर दी है। परिजन ने इसे आत्महत्या नहीं बल्कि सुनियोजित हत्या बताया है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
शिवम 29 अगस्त को जतारा स्थित हीरो एजेंसी से संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गया था। शाम 6:55 बजे उसने घर वालों से अंतिम बार मोबाइल पर संपर्क किया और 10-15 मिनट में घर आने की बात कही थी, लेकिन इसके बाद उसका मोबाइल बंद हो गया। परिजन का आरोप है कि एजेंसी के सीसीटीवी कैमरे घटना के दिन बंद कर दिए गए थे और उनकी टाइमिंग में छेड़छाड़ की गई।
एजेंसी में काम करने वाले कर्मचारियों ने शुरू में शिवम की मौजूदगी से इंकार किया, हालांकि बाद में मोनू झा ने स्वीकार किया कि शिवम एजेंसी आया था। 31 अगस्त की सुबह मछुआरों ने शिवम का शव पानी में उतरता पाया। पुलिस ने शव निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा, लेकिन परिजन ने आरोप लगाया कि शव की पंचनामा कार्रवाई में उन्हें शामिल नहीं किया गया।
शिवम की तलाश के दौरान कुरैचा बांध मार्ग पर झाड़ियों में उसकी बाइक, बैग, तौलिया और पर्स बिखरे पड़े मिले। पर्स से पैसे, एटीएम, आधार और अन्य दस्तावेज गायब थे। घटनास्थल से शिवम की चप्पलें और मोबाइल भी नहीं मिले।
परिजन ने अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है। उनके अनुसार, शिवम ने घर लौटने से पहले मऊरानीपुर के पेट्रोल पंप पर ₹250 का पेट्रोल डलवाया था, जिससे स्पष्ट होता है कि वह आत्महत्या का इरादा नहीं रखता था। शव पर कई चोटों के निशान मिले हैं, जो हत्या की आशंका को और मजबूत करते हैं।
शिवम के चाचा दीनदयाल चौबे ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। वे चाहते हैं कि हीरो एजेंसी के सभी कर्मचारियों की कॉल डिटेल्स, सीसीटीवी फुटेज और घटना से जुड़ी हर कड़ी की गहन जांच की जाए, ताकि दोषियों को सजा दिलाई जा सके और परिवार को न्याय मिल सके।
परिजन का कहना है कि मामले को आत्महत्या दिखाने की कोशिश की जा रही है, जबकि घटनाओं और साक्ष्यों से स्पष्ट है कि शिवम की मौत की परिस्थितियां संदिग्ध हैं और इसे गंभीरता से देखा जाना चाहिए।