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MP News: योजना का लाभ दिलाने सरपंच-सचिव और रोजगार सहायक मांग रहे पैसा, आठ महीने में हुई 29 हजार से अधिक शिकायत

 

MP News: ग्रामीणों की सेवा और विकास के लिए बनी गांव की सरकार ही अब सबसे बड़े भ्रष्टाचार की वजह बन गई है। सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक जैसे जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग योजनाओं का लाभ दिलाने के बदले गांव के लोगों से पैसे मांग रहे हैं। जनवरी से अब तक सिर्फ इसी मामले में 29 हजार से ज्यादा शिकायतें सामने आई हैं। सबसे ज्यादा गड़बड़ी शिवपुरी, मुरैना और सागर में उजागर हुई है, जहां हजारों ग्रामीण सीएम हेल्पलाइन और अन्य माध्यमों से अपनी आवाज उठा चुके हैं। अकेले शिवपुरी में 2176, मुरैना में 1116 और सागर में 1067 शिकायतें दर्ज हुई हैं। वहीं भिंड में 850, दमोह में 677, उज्जैन में 488 और नर्मदापुरम में 375 से अधिक लोग इस भ्रष्ट तंत्र के खिलाफ शिकायत कर चुके हैं। योजना का लाभ दिलाने के एवज में जिम्मेदारों द्वारा पैसों की मांग करने रायसेन में 751 और टीकमगढ़ में 513 आरोप लग चुके हैं।

आठ महीने में पंचायत विभाग से जुड़ी 4.86 लाख शिकायतें

8 महीने में पंचायत विभाग में कुल 4.86 लाख शिकायतें दर्ज हुईं। इनमें सबसे ज्यादा मामले पीएम आवास, साफ-सफाई और नल-जल योजना से जुड़े रहे। अकेले शिवपुरी जिले में 19,621 शिकायतें दर्ज हुई, जबकि दमोह 18,604 शिकायतों के साथ दूसरे स्थान पर रहा। सागर में 17,312, मुरैना में 15,773 और खरगोन में 14,323 से अधिक मामले सामने आए। वहीं सबसे कम शिकायत आगरमालवा (3,096) और हरदा (3,551) से दर्ज की गई। बुरहानपुर में 3,596, भोपाल में 4, 244 और निवाड़ी में 4,473 शिकायतें हुई।

पीएम आवास में 44 हजार से अधिक पात्र को किया अपात्र

प्रदेशभर में पंचायतों से जुड़ी सबसे ज्यादा शिकायतें प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) को लेकर हुई हैं। 44 हजार 488 से अधिक लोगों ने आरोप लगाया कि वे पीएम आवास योजना के लिए पात्र हैं, बावजूद इसके उन्हें अपात्र कर दिया गया है। वहीं 57 हजार 337 से अधिक

लोगों ने उन्हें पीएम आवास योजना का लाभ दिलाये जानें या योजना के अंतर्गत राशि जारी करने संबंधी शिकायत की है। बता दें कि सीएम हेल्पलाइन में पंचायत विभाग से जुड़ी कुल शिकायतों में से करीब 73 फीसदी शिकायतों का निराकरण कर दिया गया है।

बुनियादी समस्याओं पर सबसे ज्यादा शिकवे

पंचायत विभाग में आई कुल शिकायतों में दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा 54,089 मामले साफ-सफाई की खराब व्यवस्था से जुड़े रहे। सीएम हेल्पलाइन में नल-जल योजना के तहत पानी प्रदाय में दिक्कत, पाइपलाइन टूटने और मोटर जलने की 36,804 शिकायतें दर्ज हुईं। निर्माण कार्य अधूरा छोड़ने या उसकी गुणवत्ता खराब होने पर 25,601 ग्रामीणों ने शिकायत की। वहीं सड़कों की मरम्मत और सुधार से जुड़ी 22,183 शिकायतें भी सामने आईं।