Movie prime

12 करोड़ की तालाब सौंदर्यीकरण परियोजना अधूरी, पुल और पाथ-वे से सुरक्षा का खतरा

 

Bina News: नगर में तालाब के सौन्दर्यीकरण का काम लम्बे समय से अधर में लटका है। पहले चरण के बाद दूसरे चरण में देरी और मौसम की मार ने इसे अधूरा छोड़ा। कुल लागत लगभग बारह करोड़ रुपये तय थी; पहले चरण के लिये सात करोड़ और दूसरे के लिये पांच करोड़ आवंटित थे। दूसरे चरण का वर्क ऑर्डर 19 फरवरी को हुआ और छह माह में पूरा करने का लक्ष्य था, पर तेज बारिश व विभिन्न व्यवधानों से समय सीमा लांघ गई।

स्थानीय बताते हैं कि तालाब के किनारे बनी नई संरचनाएँ खतरनाक स्थिति में हैं। राधाकुंड तक जाने वाले घाट व पुल अधूरे हैं। पुल की शुरुआत तो बनी है, पर चढ़ने-उतरने का कोई सुरक्षित मार्ग या पाथ-वे नहीं है। कई जगह लोहे की रॉडें व मलबा खुले में पड़े हैं; बच्चे जुगाड़ से पुल तक पहुंचते हैं। इससे गिरने का खतरा बना रहता है और बारिश में तालाब का पानी खतरा बढ़ा देता है।

निवासियों के अनुसार तालाब किनारे बैठे स्थानों के पास भी निर्माण सामग्री फैली है। तालाब में जलकुंभी व कचरा जमा हो रहा है, जिससे पानी की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। किले की दीवार के पास पाथ-वे अधूरा है और लोग दीवार पर जाकर सेल्फी लेते हैं, जिससे दुर्घटना का जोखिम रहता है। डोहेला के निकासी मार्ग में भी काम बाकी है, जो जल निकासी व आसपास के क्षेत्रों के लिये जरूरी है।

नगर पालिका के अभियंता ने माना कि दूसरे चरण का काम बारिश से प्रभावित हुआ और समय पूरा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि ठेकेदार को कार्य तेज करने कहा गया है; आवश्यकता होने पर अवधि बढ़ाने पर विचार होगा। खतरनाक हिस्सों पर सुरक्षा कारण से प्रवेश पर रोक लगा दी गई है और चेतावनी संकेत लगाए गए हैं। लोगों से विशेषकर बच्चों को वहां नहीं जाने की अपील की गई है।

स्थानीय समुदाय मांग कर रहा है कि नगरपालिका अधूरे हिस्सों का शीघ्र समतलीकरण, पाथ-वे का निर्माण और सुरक्षा बाधाओं की स्थापना कराए। साथ ही जल-निकासी व सफाई का कार्य कर तालाब के पर्यावरण को सुधारा जाए। यदि काम समय पर पूरा हो और सुरक्षा सुनिश्चित की जाए तो यह परियोजना शहर के लिए उपयोगी साबित होगी और सार्वजनिक स्थानों में सुधार दिखेगा।

नागरिकों ने कहा कि पहले चरण के कार्यों का रखरखाव ठीक से नहीं हुआ, जिसका असर अब दिख रहा है। उनका मानना है कि ठेकेदार और प्रशासन के बीच समन्वय बेहतर होना चाहिए ताकि बारिश के बाद भी काम बिना रुकावट चले। लोगों ने अस्थायी फेंसिंग, स्पष्ट चेतावनी संकेत और रात में रोशनी की व्यवस्था किए जाने का सुझाव दिया, जिससे दुर्घटना का खतरा घटेगा। महिला निवासियों ने तालाब के आसपास साफ-सफाई और वृक्षारोपण की तत्काल पहल की भी मांग की है। स्थानीय प्रतिनिधि जल्द पहल का आश्वासन दें।