Chhatarpur News: कम मात्रा में सीमेंट लगाने से 5 महीने में उखड़ा रोड
Chhatarpur News: नगर पालिका महाराजपुर ने 5 माह पहले कुसमा से घेरापुरवा तक दो किलोमीटर लंबे सीसी रोड का निर्माण ठेकेदार से कराया। जिसकी लागत 1 करोड़ 63 लाख रुपए थी। इस सीमेंट-कंक्रीट की ऊपरी परत कुछ ही महीने में पूरी तरह से उखड़ गई है। सड़क पर महीन जीरा फैल गया है। जिसे हटाने पर सड़क की गिट्टी दिखाई देने लगी हैं। जबकि इस सड़क पर लोगों का आना जाना बहुत ही कम रहता है। सड़क का घटिया निर्माण होने के कारण 1 किलोमीटर की पूरी सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है।
अब हालात यह है कि इस सड़क पर दो पहिया वाहन फिसल कर गिरने से घायल हो रहे हैं। साथ ही डस्ट के गुबार उड़ रहे हैं। नगर पालिका के अधिकारियों को सड़क उखड़ने की सूचना होने पर भी ठेकेदार पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। सड़क गारंटी पीरियड में चल रही है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि सड़क निर्माण में रेत का उपयोग कम और क्रेशर मशीन की डस्ट का अधिक उपयोग होने से सड़क खराब हो गई है। सड़क में सीमेंट की मात्रा भी बहुत कम है। सड़क निर्माण के समय वाइब्रेटर का उपयोग न होने से सड़क का धसाव नहीं हुआ। सड़क निर्माण के बाद सड़क की तलाई भी केवल दो से तीन बार ही की गई। जिससे सीमेंट की पकड़ कम हो गई और सड़क पर डाला गया सीमेंट राख की तरह झड़ने लगा। यदि मरम्मत कार्य जल्द नहीं कराया गया तो बरसात के समय पूरी सड़क उखड़ जाएगी और सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे हो जाएंगे।
कमीशन के चक्कर में घटिया निर्माण
नगर के लोगों का कहना है नगर पालिका में गुटबाजी के चलते ठेकेदारों को भारी कमीशन देना पड़ता है। नाम न छापने की शर्त पर नगर पालिका के एक कर्मचारी ने बताया कि निर्माण के नाम पर कार्यकाल में 20 से 30 प्रतिशत तक कमीशन लिया जाता है। यदि ठेकेदार कमीशन नहीं देता तो उसे परेशान किया जाता है। इस वजह से बाहर के अच्छे कार्य करने वाले ठेकेदार यहां की टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लेते। यदि निर्माण कार्य का सरकारी रेट एक लाख रुपया है, तो महाराजपुर नगर पालिका उसको एक लाख दस हजार का बनाती है।
दो साल में दो बार हो गया सड़क निर्माण
नगर पालिका ने कमल तलैया से कुसमा जाने वाले रास्ते को बीते दो सालों में दो बनवा दिया। पहले ठेकेदार द्वारा बनाई सीमेंट कंक्रीट की सड़क 4 माह में उखड़ गई। फिर उखड़ी सड़क पर डामर का लेप करवा दिया। लेकिन सड़क फिर उखड़ गई। इसके बाद इस सड़क का टेंडर जारी कर दूसरे ठेकेदार से सड़क का निर्माण कराया गया। लेकिन कमीशन खोरी के चक्कर में पहले ठेकेदार पर कार्रवाई नहीं की गई। जबकि सीसी रोड की गारंटी 5 साल की होती है। इसके बाद भी नगर पालिका ने संबंधित ठेकेदार को नोटिस तक जारी नहीं किया।
कई चरणों में कराया सड़क का निर्माण
स्थानीय लोगों ने बताया इतनी छोटी सड़क का कार्य कई चरणों में किया गया। पहले घेरापुरवा नंबर 1 की सड़क डाली गई। इसके बाद 8 माह के अंतराल पर घेरापुरवा नंबर 2 की सड़क का कार्य किया। वह भी कई चरणों में एक किलोमीटर सड़क के निर्माण में दो माह से अधिक का समय लगा दिया गया।