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आवारा मवेशियों के कारण सड़क हादसों का ग्राफ बढ़ा, जिले में हाईवे ब्लैक स्पॉट बन गए

 

Chhatarpur News: छतरपुर जिले में आवारा मवेशियों की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। जिला मुख्यालय और ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों पर शाम होते ही गोवंश सड़कों पर बैठने लगते हैं, जिससे यातायात बाधित होता है और हादसे बढ़ते हैं। नेशनल हाइवे एक्सीडेंट कंट्रोल रूम के आंकड़ों के अनुसार बीते दो माह में नेशनल हाइवे पर 115 गायों के घायल होने की घटनाएं दर्ज हुई हैं, जिनमें कई की मौके पर ही मौत हो गई।

कलेक्टर ने जिले से गुजरने वाले नेशनल हाइवे 34, 39, नौगांव रोड और अन्य प्रमुख सड़कों को पशुमुक्त करने के आदेश दिए हैं। इसके लिए एसडीएम, नगरीय निकाय, जनपद और पंचायत कर्मचारियों को जिम्मेदारी दी गई है। इसके बावजूद सड़क पर मवेशी घूम रहे हैं और रोज औसतन 8 से 10 दुर्घटनाएं हो रही हैं। वाहन भी अक्सर क्षतिग्रस्त हो रहे हैं।

ताजा मामला झांसी-खजुराहो फोरलेन का है। गंज के पास तड़के 3 बजे ट्रक की टक्कर से 7 गोवंश की मौके पर मौत हो गई। एनएचएआई कर्मचारियों ने शव सड़क से हटाकर किनारे किया। स्थानीय लोगों के अनुसार हाईवे पर स्ट्रीट लाइटें लंबे समय से खराब हैं, जिससे रात में हादसे होते हैं।

जिले में आवारा पशुओं की समस्या से निपटने के लिए कलेक्टर ने 6 अगस्त को आदेश जारी किया था कि सभी आवारा पशुओं को गोशालाओं में शिफ्ट किया जाए। इसके बावजूद ओरछा रोड, गौरगांय और धमौरा के पास बड़ी संख्या में मवेशी सड़क पर बैठ रहे हैं। घटना स्थल से मात्र 2 किलोमीटर दूर कदौहा गोशाला में 78 मवेशी थे, लेकिन वहां खाने-पीने के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। इसके कारण लोग कई बार मवेशियों को गोशाला से बाहर निकाल देते हैं।

झांसी-खजुराहो हाइवे पर बमीठा थाना क्षेत्र के पूरा ब्रिज के पास 11 सितम्बर को बाइक सवार गिरधारी पटेल फोरलेन पर बैठे आवारा गोवंश से टकरा गए, जिसमें उनका मौके पर ही निधन हो गया और 3 साल की बच्ची घायल हो गई। इसी तरह 10 अगस्त को सागर-कानपुर हाइवे पर वाहन की टक्कर से तीन गोवंशों की मौत हुई।

जवाहर रोड पर 31 जुलाई को ट्रक से दो गायें टकराईं, जिसमें एक की मौत और एक गंभीर रूप से घायल हुई। स्थानीय लोगों ने ट्रक को रोकर पुलिस को सौंप दिया।

जिले में अब तक 163 गोशालाएं बनाई गई हैं, जिनमें से 127 का संचालन प्रशासन कर रहा है। 9 गोशालाएं निजी संस्थाएं चला रही हैं। अधिकांश गोशालाएं कागजों तक सीमित हैं। सभी गोशालाओं की क्षमता 22 हजार मवेशियों की है। यदि इनका सही संचालन हो, तो आवारा गोवंश की समस्या काफी हद तक कम हो सकती है।

निवारी हाई स्कूल के पास शाम होते ही सड़क पर 150-200 गोवंश का जमावड़ा लग जाता है। रात के समय अंधेरे में वाहन चालक अक्सर इनसे टकरा जाते हैं।

जिले के अधिकारियों ने सड़कों पर बैठे मवेशियों को हटाने और उन्हें गोशालाओं में शिफ्ट करने के निर्देश दिए हैं। गंज के पास हुए हादसे की जांच कर संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी।