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Burhanpur News: गर्मी व उमस से मिली राहत, 12 दिन बाद हुई शहर में तेज बारिश

 

Burhanpur News: मानसून के इंतजार में शहर में 12 दिन बाद पानी बरसा है। इस साल जून में शहर में पहली बार बारिश हुई है। जून में नेपानगर में ही अब तक बारिश दर्ज हुई है। जबकि मई में तीनों तहसील में अच्छी बारिश हुई थी। बारिश होने के बाद भी गर्मी और उमस से किसी तरह की राहत नहीं है। बारिश के बाद उमस और ज्यादा बढ़ गई। गुरुवार को हल्की बारिश होने की संभावना है। एक सप्ताह में मानसून फिर एक्टिव हो सकता है। इसके 10 दिन में जिले में पहुंचने की संभावना है।

जिले में इस बार नवतपा में भीषण गर्मी नहीं रही। लेकिन नवतपा के बाद तेज गर्मी, लू और उमस ने सभी को बेहाल कर दिया है। शहर में आखिरी बार बारिश 29 मई को हुई थी। जोरदार बारिश के कारण शहर के कई हिस्सों में जल जमाव हुआ था। 12 दिन बाद जून में पहली बार बुधवार को पानी बरसा। सुबह से तेज धूप और गर्मी का असर रहा। शाम 4 बजे बाद मौसम बदला और बादल छाने लगे। तेज हवा भी चली। शाम करीब 6 बजे तेज बारिश होने लगी। 10 मिनट तक रुक-रुककर तेज पानी बरसा।

इसके बाद बूंदाबांदी होती रही। हालांकि इससे गर्मी से राहत नहीं मिली है। बुधवार को अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस रहा। लेकिन उमस के कारण ज्यादा परेशानी हुई। मौसम विभाग की मानें तो अगले एक सप्ताह में मानसून के एक्टिव होने की उम्मीद है। अभी तीन सिस्टम और टर्फ लाइन के कारण मौसम बदल रहा है। इसमें तेज हवा-आंधी के साथ बारिश और बिजली गिरने की संभावना है। एक सप्ताह तक मौसम ऐसा ही रहेगा। तेज बारिश होने की संभावना है। अगले दो से तीन दिन में दिन और रात के तापमान में कमी आने की उम्मीद है। इससे गर्मी से राहत मिलेगी।

जिले में तीन इंच से ज्यादा बारिश हुई

जिले में प्री-मानसून में ही तीन इंच से ज्यादा पानी बरस चुका है। इसमें 78.2 मिमी बारिश सिर्फ मई में हुई है। जून में नेपानगर में 7 मिमी बारिश दर्ज हुई है। जिले में अब तक 80.53 मिमी बारिश हुई है, जो प्री-मानसून में एक दशक में सबसे ज्यादा है। बुरहानपुर में 43.8, खकनार में 109.8 और नेपानगर में 88 मिमी बारिश दर्ज हुई है। जिले में मानसून 15 जून तक आता है। ऐसे में शहर में पानी की निकासी और जल जमाव को लेकर तैयारी पहले ही करना पड़ती है। लेकिन इस बार तैयारी पूरी नहीं नजर आ रही है। नालों की सफाई और कचरा निकालने का काम धीमा है। जगह-जगह बड़े नालों में कचरा और गाद जमा है। चार बड़े नालों पर तो चैनेलाइजेशन का काम चल रहा है।

मानसून में देरी से किसानों की चिंता बढ़ सकती है

मई में जोरदार बारिश के बाद जिले में कई किसानों ने बोवनी शुरू कर दी थी। ज्यादातर ऐसे किसानों ने बोवनी की थी, जिनके पास सिंचाई के साधन हैं। लेकिन अब बारिश की खेंच होने और मानसून में देरी के कारण किसानों को सिंचाई की चिंता सताने लगी है। अभी तापमान 39 डिग्री तक पहुंच गया है। ऐसे में सिंचाई की ज्यादा जरूरत है। खेत में नमी कम होने से बोए बीज और अंकुरित फसल खराब हो सकती है।