Mp news: अवैध कॉलोनी में की गई प्लॉट की रजिस्ट्री को शुन्य किया जाएगा, कॉलोनाइजरों को प्लाट धारकों को राशि भी वापस देनी होगी
जिले में अवैध कॉलोनियों में की गई प्लॉटों की रजिस्ट्री को शून्य कराया जाएगा। कॉलोनाइजरों को प्लॉटधारकों को राशि भी वापस करना होगी। इसके लिए कॉलोनी सेल को प्रक्रिया प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं।
यह जानकारी सोमवार को कलेक्टर आशीष सिंह
द्वारा ली गई समय सीमा (टीएल) की बैठक में दी गई। बैठक में कलेक्टर ने कहा- जिन कॉलोनियों के संबंध में एफआईआर दर्ज कराई गई है, प्रकरण कोर्ट में चल रहे हैं, कॉलोनी अवैध घोषित की गई है, उन मामलों में रजिस्ट्री शून्य करने की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। उन्होंने अफसरों को इस संबंध में कोर्ट में आवेदन लगाकर प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए। बैठक में जिला पंचायत सीईओ सिद्धार्थ जैन, आईडीए सीईओ आरपी अहिरवार, अपर कलेक्टर रिंकेश वैश्य, राजेंद्र रघुवंशी भी मौजूद थे। बता दें कि भास्कर ने 22 मई के अंक में अवैध कॉलोनियों के मालिकों पर एफआईआर के आदेश होने के बावजूद केस दर्ज नहीं होने की खबर प्रकाशित की थी।
अवैध कालोनियों में प्लॉटिंग और रजिस्ट्री को लेकर कलेक्टर ने जो आदेश दिए हैं उसमें कार्रवाई इतनी आसान नहीं है। जिला प्रशासन ने पिछले एक से डेढ़ साल में ही जिन 50 से ज्यादा मामलों में कार्रवाई की है, उसमें एक हजार से ज्यादा प्लॉट इसी तरह फार्म हाउस या अन्य उपयोग के नाम पर बेचे गए हैं। शहर में ही अभी 1100 से ज्यादा अवैध कॉलोनियां हैं। जिले में यह संख्या 600 से ज्यादा है। ऐसे में प्रशासन इस क्राइटेरिया में किन लोगों और किस क्षेत्र को लेगा, यह निर्देश आना बाकी है।
राशि भी वापस करेंगे कॉलोनाइजर
कलेक्टर आशीष सिंह ने सोमवार को समय-सीमा (टीएल) की बैठक में इससे जुड़े निर्णय लिए। इसके तहत अब कॉलोनाइजरों को प्लॉट धारकों को राशि भी वापस करना होगी। इसके लिए कॉलोनी सेल को प्रक्रिया प्रारंभ करने के निर्देश दिए गए हैं।
इंदौर में अवैध कॉलोनियों में बेचे गए प्लॉटों
की रजिस्ट्री को शून्य करने की कार्यवाही प्रारंभ की जा रही है। कॉलोनाइजरों को प्लॉट धारकों को राशि भी वापस करना होगी। अवैध कॉलोनियों से अनियोजित विकास होता है। अवैध कॉलोनियां शहर के लिए घातक है। कॉलोनी सेल को निर्देशित किया है कि वे जिन कॉलोनियों के संबंध में एफआईआर दर्ज कराई गई है, प्रकरण कोर्ट में चल रहे हैं, कॉलोनी अवैध घोषित की गई है, उन मामलों में रजिस्ट्री शून्य करने की प्रक्रिया प्रारंभ की जाए। इस संबंध में कोर्ट में आवेदन लगाकर प्रक्रिया प्रारंभ करें।