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रजिस्ट्री गड़बड़ झाला: रजिस्ट्रार कार्यालय ने भूदान पट्टेदार की जमीन की बिना परमिशन कर दी रजिस्ट्री

 

Ratlam News: रतलाम में पैलेस स्थित रजिस्ट्रार ऑफिस गड़बड़ियों का अड्डा बना हुआ है। सबूत है ग्राम खोखरा की 2 हेक्टेयर जमीन की रजिस्ट्री। दरअसल, यह जमीन भूदान धारी भूदान पट्टेदार की है, जिसकी बिना कलेक्टर की परमिशन के रजिस्ट्री नहीं की जा सकती। बावजूद उप पंजीयक जीएस परमार ने रिकॉर्ड व अन्य जरूरी दस्तावेजों की जांच किए बिना सेवा प्रदाता द्वारा प्रस्तुत कागजातों के आधार पर 22 जुलाई को इसकी रजिस्ट्री कर दी। ऑनलाइन प्रक्रिया होने से खरीदार का नाम खसरा नकल में भी चढ़ गया। पड़ताल में गड़बड़ी सामने आने के बाद जिला पंजीयक कार्यालय में खासी हलचल मची हुई है। उप पंजीयक लेकर अन्य जिम्मेदार मामले को दबाने से में जुट गए हैं। 

दरअसल, तहसील रतलाम के पटवारी रहका खोखरा में सर्वे नंबर 605/13 2 हेक्टेयर जमीन खेती की होकर भूदान धारी भूदान पट्टेदार की है। खसरा नकल में भूमि स्वामी के रूप में खोखरा के रहने वाले भोपाल सिंह, गोपाल सिंह, राजेंद्र राठौर, प्रेम कुंवर, गजाकुंवर, मंजू कुंवर, जस कुंवर का नाम दर्ज है। इन भूमि स्वामियों ने इसका सौदा हरथली की नीलोफर बी पति नासिर खान नामक महिला से कर दिया। सेवा प्रदाता ने बिना दस्तावेजों की जांच किए स्टाम्प व अन्य जरूरी रिकॉर्ड लगाकर आवेदन आगे बढ़ा दिया। 22 जुलाई को सब रजिस्ट्रार जीसी परमार ने पंजीयन भी कर दिया, जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर एमपी 16 आईजीआर 18242025 ए 100638658 है। गाइड लाइन के अनुसार संपत्ति का मूल्य 21.12 लाख रुपए हैं। इसके लिए 1.37 लाख रुपए का स्टाम्प शुल्क भी भरा गया है।

उप पंजीयक समेत सभी मामले को दबाने में जुटे

मप्र में भूदान यज्ञ अधिनियम 1953 में प्राप्त भूमि के धारक को भूदान पट्टेदार कहा जाता है। अधिनियम में मिली भूमि पर संबंधित व्यक्ति कुछ शर्तों के साथ खेती कर सकता है। उसे भू-राजस्व देना होगा तथा 2 साल से अधिक समय तक परती नहीं छोड़ना होगी। इस जमीन को भूदान पट्टेदार किसी और को हस्तांतरित नहीं कर सकता है, न ही उसे उप-पट्टे पर दे

क्या कहता है नियम

यह अधिनियम भूदान यज्ञ आंदोलन को सुविधाजनक बनाने और भूदान में प्राप्त भूमि के प्रबंधन के लिए बनाया गया था। इस अधिनियम के तहत, भूदान यज्ञ बोर्ड का गठन किया गया था, जो दान में प्राप्त भूमि को भूमिहीन व्यक्तियों और सामुदायिक प्रयोजनों के लिए वितरित करने का काम करता है, ताकि वे अपनी आजीविका कमा सकें।

कारण बताओ सूचना-पत्र हुआ जारी

प्रशांत पाराशर, प्रभारी जिला पंजीयक द्वारा सेवा प्रदाता और संबंधित उप पंजीयक को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किए गए हैं। उनके उत्तर एवं प्रतिवेदन मिलने के बाद आगे की कार्रवाई होगी। जांच में किसी भी प्रकार की अनियमितता मिली तो निश्चित रूप से आवश्यक वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।