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मध्यप्रदेश में 20 हजार पदों पर निकाली जाएगी भर्ती, प्रदेश के ऊर्जा विभाग ने तैयार किया प्रस्ताव

मध्यप्रदेश में 20 हजार पदों पर निकाली जाएगी भर्ती, प्रदेश के ऊर्जा विभाग ने तैयार किया प्रस्ताव
 

 मध्यप्रदेश में बिजली वितरण कंपनियों ने 20 हजार पदों को भरने का प्रस्ताव तैयार किया है। इससे युवाओं को रोजगार मिलेंगे और प्रदेश में बेरोजगारी कम होगी। ऊर्जा विभाग द्वारा मध्य, पूर्व और प​श्चिमी क्षेत्र बिजली वितरण कंपनियों में यह पद भरे जाएंगे। ऊर्जा विभाग ने इसका खाका तैयार कर लिया है। अब केवल कैबिनेट की बैठक का इंतजार है, जिसमें इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाएगी। इसके बाद इन पदों पर भर्तियां शुरू हो जाएंगी।

 
बिजली वितरण कंपनियों में खाली पड़े पदों में से 20 हजार पर यदि कर्मचारियों की नियु​क्ति हो जाएगी तो इसका फायदा लोगों को भी मिलेगा। उनके फाल्ट भी समय पर ठीक हो सकेंगे तथा उनको कर्मचारियों की कमी से परेशानी भी नहीं उठानी पड़ेगी। प्रदेश में इस समय 1.80 करोड़ बिजली उपभोक्ता हैं। इनमें अ​धिकारियों और कर्मचारियों की भर्ती होने के बाद बिजली वितरण कंपनियों की समस्याएं दूर होंगी, इसके अलावा अपनी ​शिकायतों को लेकर परेशान रहने वाले बिजली उपभोक्ताओं की समस्याओं का समय पर समाधान हो सकेगा। इससे इन उपभोक्ताओं को अच्छा लाभ होगा। बिजली कंपनियों को यह पद लगभग 40 साल के बाद मिलने जा रहे हैं। 40 साल से बिजली कर्मचारियों की भर्ती ही नहीं हुई थी। ऐसे में युवाओं को रोजगार मिलेंगे और उनका जीवन सुखमय हो सकेगा। 


बिजली चोरी पर भी लगेगी लगाम
इस समय प्रदेश में 100 में से 27 यूनिट बिजली चोरी हो जाती है। ऐसे में 27 प्रतिशत बिजली चोरी के कारण बिजली कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। इस 27 प्रतिशत बिजली में से कुछ यूनिट तो तकनीकी रूप से यानी लाइन लॉस में भी खराब हो जाती हैं। वहीं बिजली कर्मचारियों की संख्या कम होने के कारण भी बिजली निगम को नुकसान हो रहा है क्योंकि इस लाइन लॉस को कम करने के लिए काम की जरूरत है और काम करने के लिए कर्मचारी नहीं हैं। ऐसे में बिजली कर्मचारियों व अ​धिकारियों का होना जरूरी है। वहीं कर्मचारियों व अ​धिकारियों की संख्या अ​धिक होगी तो वह ज्यादा निगरानी रख सकेंगे। 


नहीं बढ़ रह कर्मचारियों की संख्या
मध्यप्रदेश में इस समय बिजली की व्यवस्था तीन कंपनियों संभाल रही हैं। पूरे प्रदेश में 1.80 करोड़ बिजली उपभोक्ता हैं। इनमें से 1.25 करोड़ घरेलू उपभोक्ता हैं। इन कंपनियों को हर महीने 5 हजार करोड़ रुपये का राजस्व मिलता है। इसमें से 3 हजार करोड़ आम उपभोक्ता देते हैं और 2 हजार करोड़ सरकार की स​ब्सिडी है। इन उपभोक्ताओं के काफी काम और समस्याएं होती हैं, जो समय पर दूर नहीं हो पाती। जब यह बात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के सामने आई कि बिजली उपभोक्ता तो बढ़ रहे हैं, लेकिन बिजली कर्मचारी उस अनुपात में नहीं बढ़ रहे हैं। इसलिए ऊर्जा विभाग अब कर्मचारियों को भर्ती करना चाहती है। 


कर्मचारियों के बढ़ने से सुविधाएं बढ़ेंगी
ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने कहा कि बिजली कंपनियों में कर्मचारियों की संख्या बढ़ने से काम में तेजी आएगी। केंद्र व राज्य सरकार की योजनाएं कम से कम समय में जमीन पर उतारी जा सकेंगी। मीटर व ट्रांसफार्मर बदलने का काम जल्द हो पाएगा। वसूली संबंधी प्रकरणों के निपटारे में भी तेजी आएगी। ग्रामीण क्षेत्र में टोल-मजरे और शहर की नई बसाहट तक बिजली पहुंचाने में कम समय लगेगा।