मध्यप्रदेश में बदलेंगे भर्ती के नियम, सभी विभागों के समान नियम
मध्यप्रदेश सरकार जल्द ही प्रदेश में भर्ती के नियम बदलने की कोशिश में है। इसके लिए आदर्श भर्ती नियमावली तैयार की जा रही है। इससे सरकार ने सभी विभागों से सुझाव मांगे हैं। इसके बाद सभी विभागों में भर्ती के नियम एक समान हो जाएंगे। मध्यप्रदेश सरकार अगले दो से तीन साल में 2 लाख 50 हजार पदों पर भर्तियां करने वाली है। ऐसे में भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और समयबद्ध बनाने में काफी मदद मिलेगी।
सभी विभागों में समान भर्ती नियमावली बनाने की जिम्मेदारी सामान्य प्रशासन विभाग को दी गई है। सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों से इस बारे में सुझाव मांगे हैं। इसके बाद भर्ती के नियम बदले जाएंगे, ताकि सभी विभागों में एक जैसे नियम लागू किए जा सकें। उसके बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। अगले दो से तीन साल में प्रदेश में 2 लाख 50 पदों पर भर्तियां की जाएंगी। सभी नियम एक जैसे बनाने के पीछे भर्ती प्रक्रिया जल्द पूरी करने तथा किसी भी प्रकार के सवाल खड़े नहीं हों, इसलिए की जा रही है।
फिलहाल अलग-अलग हैं कुछ नियम
इस समय प्रदेश में अलग-अलग विभागों में भर्ती प्रक्रिया से संबंधित नियम कुछ अलग हैं। वन विभाग, शिक्षा विभाग और नगर तथा ग्राम निवेश सेवा भर्ती के कुछ नियम अलग-अलग हैं। इनके आधार पर राज्य लोक सेवा आयोग और कर्मचारी चयन मंडल भर्ती नियम तैयार करके अलग-अलग विज्ञापन निकालते हैं। इससे समय की बर्बादी होती है। चयन एजेंसियों के नियम अलग होने के कारण भर्ती में काफी परेशानी आती है। इससे समय भी ज्यादा लगता है। प्रदेश में अब बड़े पैमाने पर भर्तियां होनी हैं, इसलिए इन नियमों में एकरूपता लाई जा रही है ताकि भर्ती प्रक्रिया जल्द पूरी हो सके।
रिपोर्ट के आधार पर दिया जाएगा अंतिम रूप
सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों से इसके लिए सुझाव मांगे हैं। इसके लिए सेवानिवृत्त अधिकारियों की एक समिति भी बनाई गई है। जो इन नियमों का अध्ययन करेगी। इस रिपोर्ट के आधार पर भर्ती नियमों को अंतिम रूप दिया जाएगा। सामान्य प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि नियमों की समानता सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए लागू की जाएगी। इसके बाद ही इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।
एक समान हो सकते हैं यह नियम
सभी प्रकार की भर्तियों के उम्र संबंधी, पात्रता के मानक, आरक्षण से संबंधित, महिलाओं के आरक्षण से संबंधित, परिवीक्षा अवधि के नियम एक समान बनाए जा सकते हैं।
एक साल में एक बार होगी परीक्षा
राज्य लोक सेवा आयोग और कर्मचारी चयन मंडल की परीक्षाओं में भी कुछ बदलाव किए गए हैं। अब वर्ष में केवल एक बार ही परीक्षा होगी, अभ्यर्थियों को बार-बार परीक्षा और उसके लिए फीस नहीं देनी होगी। यह नई व्यवस्था अगले साल जनवरी तक लागू कर दी जाएगी।

