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30 साल बाद रमेश घर लौटा, ग्रामीणों ने पुष्पहार और ढोल-मांदल से किया स्वागत

 

Badwani News: एबी रोड स्थित जामन्या गांव से 30 साल पहले लापता हुए रमेश पिता केसरिया राजस्थान में मिले। अब 55 वर्ष के हो चुके रमेश की बरामदगी से परिजन बेहद खुश हैं। बुधवार को परिजन और ग्रामीण उसे गांव लेकर आए, जहां उन्होंने पुष्पहार पहनाकर और ढोल-मांदल बजाकर जोरदार स्वागत किया।

रमेश करीब 30 साल पहले घर छोड़कर चला गया था। परिजनों ने लंबे समय तक उसे खोजा, लेकिन सफलता नहीं मिली। कुछ दिन पहले राजस्थान से सूचना मिली कि रमेश वहीं है। इसके बाद जामन्या के सरपंच प्रतिनिधि सहित परिजन राजस्थान के धौलपुर जिले के कंचनपुरा थाने के कुरेंदा गांव पहुंचे। वहां रमेश को देखकर परिजन भावुक हो गए।

राजस्थान के अंबर खाका निवासी सौदानसिंह और उनके भाई बदनसिंह ने बताया कि रमेश उन्हें 10 माह पहले बारिश में भीगते हुए मिला था। वह भूखा और बीमार लग रहा था और पूछताछ पर कुछ बोल नहीं रहा था। उन्होंने मानवता के चलते उसे खाना खिलाया और कुछ समय अपने पास रखा। रमेश कुछ समय बाद खेती और पशुपालन का काम करने लगा। इसके बाद उन्होंने उसे परिजनों के संपर्क में लाने की व्यवस्था की।

रमेश की पहचान उसकी मां सुमनबाई ने की। उन्होंने बताया कि रमेश के पैर में बचपन में बैलगाड़ी से गिरने के कारण चोट लगी थी और टांके लगे थे। पैर में अब भी टांके के निशान थे, जिससे पहचान पुख्ता हुई।

रमेश के घर लौटने पर ग्रामीणों ने खुशी का माहौल बनाया। मां और बहन उसे गले लगाकर दुलारा, वहीं ग्रामीण ढोल-मांदल की थाप पर नाचते हुए उसे घर तक ले गए। रमेश इकलौता पुत्र है। शादी के कुछ समय बाद उसकी पत्नी उसे छोड़कर चली गई थी, जिससे उसकी मानसिक स्थिति प्रभावित हुई थी। दो महीने पहले ही रमेश के पिता की मृत्यु हो गई थी, और अब घर में केवल मां बची है।

रमेश की बरामदगी ने न केवल परिजनों की चिंता कम की है, बल्कि पूरे गांव में खुशी का माहौल पैदा कर दिया। ग्रामीणों ने कहा कि इस घटना ने इंसानियत और समुदाय के बीच सहयोग की अहमियत को फिर से याद दिलाया है।