सागर-बीना रोड पर रेल फाटक टूटा, ट्रक फंसा, यात्री और मालगाड़ी प्रभावित
Bina News: बीना-कटनी रेलवे ट्रैक पर जरुआखेड़ा ठाकुर बाबा मंदिर के पास रविवार सुबह करीब 6.30 बजे गंभीर घटना हुई। 40 टन सीमेंट से भरा ट्रक नियंत्रण खोने के कारण रेलवे फाटक नंबर 11 तोड़ते हुए ट्रैक पर फंस गया। ट्रक के ट्रैक पर फंसने से करीब ढाई घंटे तक खुरई-जरुआखेड़ा सेक्शन पूरी तरह बंद रहा। इस दौरान 7 यात्री ट्रेनें और 15 मालगाड़ियां प्रभावित हुईं, जिससे रेलवे को लाखों रुपए का नुकसान हुआ।
जानकारी के अनुसार, ट्रक सागर की ओर से बीना की तरफ आ रहा था। कटनी निवासी ड्राइवर ने घाट वाले हिस्से में गति कम नहीं की। इसके परिणामस्वरूप ट्रक ने पहले खड़ी सब्जी से भरी गाड़ी को घसीटते हुए फाटक को तोड़ दिया और ट्रैक पर फंस गया। गेटमैन लालचंद ने तुरंत वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया। ऑटोमेटिक सिग्नल प्रणाली के चलते दोनों ट्रैक के सिग्नल रेड हो गए, जिससे सभी ट्रेनें रोक दी गईं।
मौके पर रेलवे अधिकारी, आरपीएफ, जीआरपी और सिविल पुलिस की टीम पहुंची। ट्रक में भारी सीमेंट होने और टायर बर्स्ट होने के कारण इसे निकालना चुनौतीपूर्ण था। पहले ट्रक से सीमेंट खाली किया गया और फिर दो क्रेन की मदद से ट्रक को ट्रैक से हटाया गया। इस कार्य के दौरान खुई और जरुआखेड़ा के बीच किसी भी ट्रेन को चलाया नहीं गया।
इस घटना को टालने में एक और कारगर पहल हुई। फाटक के पहले खड़ी मालगाड़ी के कारण बड़ा हादसा होने से बच गया। अगर मालगाड़ी वहां नहीं खड़ी होती, तो गंभीर दुर्घटना हो सकती थी।
सागर-बीना रोड पर रेलवे फाटक को क्रॉसिंग मुक्त करने के लिए सेतु भारतम योजना के तहत 49 करोड़ की लागत से ओवरब्रिज का निर्माण किया जा रहा है। यह ब्रिज दिसंबर 2024 तक तैयार होना था। समय पर निर्माण पूरा न होने के कारण एनएचआई ने टेंडर रद्द कर दोबारा 22 करोड़ रुपए के नए टेंडर के साथ शेष काम शुरू कराया है। साथ ही प्रोजेक्ट की कुल लागत का 10 प्रतिशत जुर्माना भी लगाया गया है। यदि ब्रिज समय पर तैयार हो जाता, तो इस घटना को टाला जा सकता था। वर्तमान में ओवरब्रिज का निर्माण पिछले एक साल से स्थगित है।
ट्रक के फंसने के कारण बीना-कटनी सेक्शन की 22 ट्रेनें प्रभावित हुईं। इसमें राज्यरानी एक्सप्रेस, क्षिप्रा एक्सप्रेस, दमोह-बीना पैसेंजर और अन्य साप्ताहिक ट्रेनें शामिल हैं। राज्यरानी एक्सप्रेस को सागर में लगभग एक घंटे तक रोका गया। अलग-अलग स्टेशनों पर पैसेंजर और क्षिप्रा एक्सप्रेस को भी रोका गया। 15 मालगाड़ियों के रोकने से रेलवे को सबसे अधिक आर्थिक नुकसान हुआ।
आरपीएफ ने ट्रक चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर ट्रक को जब्त कर लिया है। यह घटना रेलवे सुरक्षा और ट्रैफिक प्रबंधन की चुनौतियों को उजागर करती है और साथ ही ओवरब्रिज की आवश्यकता को भी स्पष्ट करती है।