मध्यप्रदेश में जिस वर्ग की भर्ती, उसी में होगी पदोन्नति, दो लाख पद अभी खाली
मध्यप्रदेश में सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों का नौ साल से पदोन्नति का सपना पूरा होने जा रहा है। सरकार के नए नियमों के अनुसार अब जिस वर्ग के तहत कर्मचारियों की भर्ती हुई थी, उसी के अनुसार उसकी पदोन्नति होगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार ने उच्च स्तरीय बैठक में इस प्रस्तावित फार्मूले पर सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। सरकार के आंकड़ों के अनुसार अभी तक प्रदेश में 2.03 लाख पद खाली पड़े हैं, जिन पर जल्द ही नई भर्तियां की जाएंगी। यह सभी पद दो साल में भरने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं प्रमोशन प्रक्रिया भी समानांतर चलती रहेगी।
डॉ. मोहन यादव की सरकार ने पदोन्नति के लिए जो फार्मूला तैयार किया है, उस पर अभी भी कुछ पेंच फंसा हुआ है। इस मामले पर कर्मचारी संगठन, अजाक्स और सपाक्स के पदाधिकारियों की राय अलग ही है। इसी कारण पदोन्नति का यह पेंच फंस रहा है। सरकार के प्रस्ताव के अनुसार जिस श्रेणी में कर्मचारी की नियुक्ति हुई है, उसी श्रेणी में उसकी पदोन्नति होगी। जितने पद रिक्त होंगे, उतने ही पद उसी वर्ग में पदोन्नति से भरे जाएंगे। चाहे पद खाली ही रह जाएं। यदि किसी विभाग में कार्यालय अधीक्षक के 50 पद खाली हैं तो एसटी 20 प्रतिशत और एसपी को 16 प्रतिशत पदों पर पदोन्नति दी जाएगी। शेष 32-33 पदों को सामान्य वर्ग को प्रमोशन देकर भरा जाएगा। इसके लिए बेशक पद खाली ही रह जाएं।
सभी पदोन्नति सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अधीन होंगे
सूत्रों के अनुसार सरकार ने जो पदोन्नति का ड्राफ्ट तैयार किया है, उसे यह प्रावधान किया गया है जो भी प्रमोशन होगा, वह सुप्रीम कोर्ट के अधीन ही होंगे। वहीं जिस प्रकार कोर्ट का आदेश होगा, वह ही अंतिम होगा। सरकार उसे पूरी तरह से लागू करने के लिए बाध्य होगी। इस समय हाईकोर्ट में एक हजार से अधिक याचिकाएं पदोन्नति को लेकर लंबित हैं। यदि सभी पदों पर प्रमोशन कर दी जाएंगी, उसके बाद भी दो लाख से अधिक पद खाली रह जाएंगे। सरकार ने सभी विभागों से अपने यहां खाली पदों की जानकारी मांगी हैं। सभी विभागों में यदि सभी पद प्रमोशन से भर दिए जाएंगे, तो भी दो लाख से अधिक पद खाली रहेंगे। सरकार का प्रयास है कि अगले दो साल में यह सभी पद भर लिए जाएं। इस समय यदि उच्च पद खाली हैं तो उनका प्रभार प्रमोशन के इंतजार में बैठे अधिकारियों को दिया गया है। जब इनकी प्रमोशन हो जाएगी तो पद खाली हो जाएंगे। इस समय सरकार के बजट का 27 प्रतिशत अभी तक कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और पेंशन पर खर्च हो रहा है। नई भर्ती के बाद यह बजट बढ़ जाएगा। इस बजट में व्यय इसी वित्तीय वर्ष में 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है।
अगले दो वर्ष में दो लाख होंगी भर्तियां
सरकार ने अभी निर्णय लिया है कि अगले वित्तवर्ष यानी 2026-27 में एक लाख तथा 2027-28 में एक लाख पदों पर भर्तियां की जाएंगी। इस वित्तवर्ष में केवल प्रमोशन ही दिए जाएंगे। प्रदेश के वित्त विभाग ने सभी विभागों को इसी तरह से तैयारियां करने के निर्देश दिए हैं। दो साल में यह भर्तियां कर्मचारी चयन मंडल तथा मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से करवाई जाएंगी। सरकार ने दो चरणों में भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं। पहले साल में 50 प्रतिशत तथा दूसरे साल में भी बाकी बचे 50 प्रतिशत पद भरे जाएंगे।