Movie prime

MP में रक्षाबंधन पर प्राइवेट बस संचालकों ने मचाई लूट, यात्रियों से वसूला तीन गुना गिराया 

 

MP News: मध्य प्रदेश राज्य में रक्षाबंधन के त्योहार पर प्राइवेट बस संचालकों जमकर लोग मचाई। कई जिलों में कल प्राइवेट बस चलो द्वारा यात्रियों से तीन गुना तक किराया वसूला गया। रक्षाबंधन जैसे पवित्र त्योहार पर जब भाई-बहन का प्यार दूरी मिटाकर एक-दूसरे से मिलने का इंतजार करता है, उस समय परिवहन व्यवस्था में फैली अव्यवस्था और लालच ने यात्रियों की जेब पर गहरा असर डाला। दिल्ली, आगरा, ग्वालियर और अन्य बड़े शहरों से अपने घर लौटने वाले यात्रियों से बस ऑपरेटरों ने खुलेआम तीन गुना तक किराया वसूल कर त्योहार की खुशी में खलल डाल दिया। इतना ही नहीं, त्यौहार मनाकर लौटने वाले यात्रियों से भी इसी तरह लूट की गई। 

यात्रियों से वसूला गया 3 गुना किराया

आम दिनों में मध्य प्रदेश के अंबाह से दिल्ली का किराया सामान्य रूप से 400 से 500 रुपए होता है। लेकिन राखी के दिन और उसके आसपास यह किराया 1200 से 1500 रुपए तक वसूला गया। इसी तरह ग्वालियर, मुरैना और भिंड जैसे नजदीकी शहरों के किराए भी दोगुने-तिगुने कर दिए गए। कई यात्रियों ने बताया कि बस कंडक्टर ने साफ कह दिया कि त्यौहार का समय है किराया यही देना पड़ेगा। नहीं तो दूसरा वाहन देख लीजिए। 

यात्रियों को नहीं मिली बसों में सुविधा

रक्षाबंधन पर बसों में किराया बढ़ाने के बावजूद यात्रियों को किसी तरह की अतिरिक्त सुविधा नहीं दी गई। कई बसों में सीट टूटी हुई थीं, तो पंखे और लाइटें खराब थी। भीड़ इतनी थी कि कई यात्री खड़े होकर या बस के दरवाजे पर लटककर सफर करने को मजबूर हुए। साफ-सफाई की हालत इतनी खराब थी कि महिलाएं और बच्चे पूरे रास्ते असुविधा झेलते रहे। दिल्ली से आईं अंबाह निवासी रीना शर्मा ने बताया कि राखी पर घर आना था। सोचा बच्चों को भी साथ लाऊं। लेकिन किराया सुनकर हैरान रह गई। मजबूरी में तीन गुना किराया देना पड़ा। 

ग्वालियर से लौट रहे संदीप सिंह ने बताया कि बस में जगह ही नहीं थी। लोग खड़े-खड़े सफर कर रहे थे। किराया बढ़ाने के बाद भी ऐसी हालत है तो फिर सुविधा किस बात की। स्थानीय निवासी अशोक जैन ने बताया कि यह हर साल का खेल है। प्रशासन को पहले से व्यवस्था करनी चाहिए। वरना यात्रियों की लूट बंद नहीं होगी। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह स्थिति हर साल त्योहार के समय देखने को मिलती है। लेकिन परिवहन विभाग और प्रशासन इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं करता। न तो किराया नियंत्रण के आदेश लागू होते हैं, न ही यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा पर ध्यान दिया जाता है। इस बार भी शिकायतें तो हुईं। लेकिन कार्रवाई नजर नहीं आई।