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जिला अस्पताल से कैदी की फरारी: सुरक्षा में चूक और सस्पेंड

 

Chhatarpur News: छतरपुर जिले के जिला अस्पताल की तीसरी मंजिल पर बने कैदी वार्ड से देर रात 30 हजार का इनामी अपराधी रविंद्र सिंह परिहार फरार हो गया। घटना बुधवार रात हुई, जब ड्यूटी पर तैनात आरक्षक शिवम शर्मा बाथरूम गए। इसी बीच फरार आरोपी ने हथकड़ी खोली, वार्ड के गेट को बाहर से बंद किया और एक पुलिसकर्मी की रायफल लेकर मुख्य गेट से निकल गया। घटना के तुरंत बाद चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया।

रविंद्र सिंह परिहार देरी गांव का रहने वाला है और 30 हजार का इनामी अपराधी है। उसे 18 नवंबर 2024 को शॉर्ट एनकाउंटर में गिरफ्तार किया गया था और तब से जिला जेल में बंद था। हाल ही में पैर में लगी गोली के कारण खून जमा होने की वजह से उसे इलाज के लिए 9 सितंबर को जिला अस्पताल के कैदी वार्ड में भर्ती कराया गया था।

वार्ड में बुधवार रात 8 बजे से गुरुवार सुबह 8 बजे तक चार जवान ड्यूटी पर थे। ड्यूटी का समय 3-3 घंटे का था। फरारी के समय प्रधान आरक्षक राकेश अहिरवार और आरक्षक शिवम शर्मा ही मौजूद थे, जबकि अन्य दो जवान अपने हिस्से का पहरा खत्म करके चले गए थे। शिवम बाथरूम गया और वहीं मौके का फायदा उठाकर आरोपी ने हथकड़ी खोलकर भाग निकला।

फरार होने के बाद रविंद्र सिंह तीसरी मंजिल से पहली मंजिल और फिर ग्राउंड फ्लोर तक पहुंचा। रास्ता भटकते हुए वह प्रसूता वार्ड के पास गया और फिर महल रोड वाले गेट से बाहर निकलकर पैदल सागर रोड स्थित भैंसासुर मुक्तिधाम तक गया। इस दौरान उसने मोबाइल से किसी से संपर्क किया। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाली और आरोपी के एक सहयोगी की भी जांच शुरू की।

पूर्व में रविंद्र पर कई गंभीर अपराध दर्ज हैं। करीब चार साल पहले देरी गांव में सात लोगों ने उसके साथ मारपीट की थी, जिससे उसके हाथ-पैर और सिर में गंभीर चोटें आई थीं। इसके बाद रविंद्र ने अपराध का रास्ता अपनाया और धीरे-धीरे अपने प्रतिद्वंदियों से बदला लिया। अब तक उसके खिलाफ हत्या के प्रयास, बलवा, अवैध हथियार, अवैध वसूली और मारपीट सहित 14 अपराध दर्ज हैं।

रविंद्र की गिरफ्तारी के पहले भी पुलिस ने उसे पीथमपुर से गिरफ्तार किया था। उस समय उसने पुलिस पर फायरिंग की और भागने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने पैर में गोली मारकर उसे फिर से पकड़ा और न्यायालय में पेश कर जेल भेजा।

इस फरारी के बाद देरी गांव के दो भाइयों को सुरक्षा की चेतावनी दी गई। पुलिस ने उन्हें सतर्क रहने की नसीहत दी और आवश्यकतानुसार यातायात थाने में सुरक्षा मुहैया कराई। पुलिस टीम को भी गांव में तैनात किया गया है ताकि आरोपी को शीघ्र पकड़ सके।

यह घटना केवल एक कैदी की फरारी तक सीमित नहीं है। इससे पहले भी मार्च 2023 में जिला अस्पताल से एक गर्भवती महिला फरार हो गई थी। उसने अस्पताल के बाथरूम और खिड़की का उपयोग करके बाहर निकलकर पुलिस चौकी के पास से भाग गई थी। उस महिला पर पहले भी पांच अन्य लोगों के साथ मिलकर तीन प्रधान आरक्षकों पर हमला करने का आरोप था।

घटना ने जिले के अस्पताल सुरक्षा प्रोटोकॉल और पुलिस ड्यूटी व्यवस्था में गंभीर चूक उजागर कर दी है। उच्च अधिकारियों ने वार्ड और अस्पताल के सुरक्षा मानकों की समीक्षा का आदेश दिया है। साथ ही फरार अपराधी की तत्काल गिरफ्तारी के लिए पुलिस की त्वरित और सतत कार्रवाई जारी है।

इस मामले में चार पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है और जांच जारी है। पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि आरोपी को पकड़ने के लिए सीसीटीवी फुटेज, गश्त और सहयोगियों की पहचान पर जोर दिया जा रहा है। घटना ने स्थानीय प्रशासन और कानून व्यवस्था में सुरक्षा की गंभीर समस्या उजागर कर दी है।

जिले में अब सुरक्षा और निगरानी बढ़ाने के उपाय किए जा रहे हैं ताकि किसी भी प्रकार की फिरौती, हत्या या अपराध की संभावना को रोका जा सके। साथ ही अस्पताल में कैदी वार्ड की सुरक्षा सुधारने के निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि भविष्य में ऐसे घटनाक्रम से निपटा जा सके।