निजी क्लीनिक में जाने को मजबूर गर्भवती महिलाये, 3 अल्ट्रासाउंड मशीन पर एक डॉक्टर
Tikamgarh News: जिला अस्पताल में इन दिनों गर्भवती महिलाओं और पेट की बीमारी से ग्रस्त आधे मरीजों की समय पर अल्ट्रासाउंड जांच नहीं हो पा रही। क्योंकि दो रेडियोलॉजिस्ट में से एक डॉक्टर बीते 8 दिन से आगामी 15 दिन की छुट्टी पर है। जबकि अल्ट्रासाउंड कक्ष में दो और प्रसूति वार्ड में एक अल्ट्रासाउंड मशीन स्थापित है। वर्तमान में जो रेडियोलॉजिस्ट ड्यूटी पर है, वह एक समय में एक ही मशीन संचालित कर मरीज की जांच कर सकता है। इसलिए वह गर्भवती महिलाओं की ही जांच कर पा रहा है।
बता दें कि पांच मंजिला जिला अस्पताल भवन के ग्राउंड फ्लोर पर जिले भर से आने वाली गर्भवती महिलाओं और पेट की बीमारी से ग्रस्त मरीजों की जांच के लिए एक कक्ष स्थापित किया गया है। जिसमें अस्पताल प्रबंधन द्वारा दो अल्ट्रासाउंड मशीनें स्थापित की गई है। जिसमें एक मशीन से गर्भवती महिलाओं औरदूसरी से पेट की बीमारी से ग्रस्त मरीजों की जांच कीजाती है। जिन्हें संचालित करने के लिए दो रेडियोलॉजिस्ट डॉ. सुरेंद्र शर्मा और डॉ. नरेश त्रिपाठी की ड्यूटी लगाई गई है।
लेकिन डॉ. नरेश त्रिपाठी बीती एक जून से आगामी 15 दिन तक के लिए छुट्टी पर है। इसलिए प्रतिदिन 100 से अधिक जिला अस्पताल आने वाले आधे मरीजों की समय पर निशुल्क जांच नहीं हो पा रही। जिन्हें प्राइवेट क्लीनिक पर पहुंचकर 1000 रुपए खर्च कर जांच करानी पड़ रही है। वहीं प्रसूति वार्ड में भर्ती महिला मरीजों की समय पर जांच नहीं हो पा रही।
लवकुशनगर की 5 माह की गर्भवती ने 1000 रुपए में कराई अपनी जांच
लक्कुशनगर में हरद्वार की मोहिनी 5 माह की गर्भवती है। रविवार सुबह 7.18 बजे पेट दर्द की शिकायत होने पर उसके पति ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लक्कुशनगर में दिखवाया। अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन न होने के कारण डॉक्टर ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया। रविवार छुट्टी के कारण जांच नहीं हो सकी। इसलिए महिला जिला अस्पताल के सामने स्थित निजी क्लीनिक पहुंची और 1000 रुपए खर्च कर जांच कराई। इसके बाद डॉक्टर ने उपचार दिया।
तीन दिन बाद निजी क्लीनिक से कराई जांच
बड़ामलहरा क्षेत्र में रानीखेड़ा गांव की प्रेम बाई को पेट दर्द की समस्या होने पर परिजनों ने जिला अस्पताल के डॉक्टर को दिखाया। उसने महिला की हालत को ध्यान में रखते हुए अल्ट्रासाउंड जांच लिखते हुए महिला वार्ड में इलाज के लिए भर्ती कर दिया। लेकिन तीन दिन बाद भी महिला की अल्ट्रासाउंड जांच नहीं हो सकी। जब मरीज के परिजन परेशान हो गए तो वे अपने मरीज को स्ट्रेचर पर रखकर निजी क्लीनिक पर ले गए और 1000 रुपए खर्च कर जांच कराई। यदि जिला अस्पताल में महिला की जांच हो जाती तो उसे अनावश्यक रूप से रुपए खर्च नहीं करने पड़ते। साथ ही तीन दिन पहले इलाज मिल जाता।
पेट दर्द से परेशान महिला ने क्लीनिक सेकराई जांच
महाराजपुर की महिला द्रोपदी पति राजपाल पेट दर्द का इलाज कराने दो दिन पहले जिला अस्पताल पहुंची। यहां के ड्यूटी डॉ. मनोज चौधरी ने महिला को देखा और अल्ट्रासाउंड की जांच लिख दी। लेकिन जिला अस्पताल में मरीजों की अधिक भीड़ होने के कारण महिला की जांच नहीं हो सकी। इसके बाद महिला घर चली गई और दर्द की दवा ली, लेकिन उसे आराम नहीं मिला। शनिवार और रविवार को छुट्टी होने के कारण जिला अस्पताल का अल्ट्रासाउंड जांच केंद्र बद रहा। इसलिए रविवार को मजबूरी में उसे 1000 रुपए खर्च कर निजी क्लीनिक से अपनी जांच करानी पड़ी। तब कहीं जाकर महिला को इलाज मिला।
हर दिन 50 से अधिक मरीजों की कर रहे जांच
जिला अस्पताल में प्रसूता महिलाओं सहित पेट दर्द के मरीज आते है। जिनकी जांच दो रेडियोलॉजिस्ट मिलकर करते है। लेकिन एक डॉक्टर स्वास्थ्य खराब होने के कारण इन दिनों छुट्टी पर है। इसके बाद भी प्रतिदिन 50 से अधिक मरीजों की जांच कर रहे है। कुछ दिनों बाद दूसरा डॉक्टर वापस आ जाएगा और समस्या समाप्त हो जाएगी। - डॉ. सुरेंद्र शर्मा, रेडियोलॉजिस्ट जिला अस्पताल छतरपुर