Movie prime

ग्रामीण स्टेडियमों की बदहाली, खिलाड़ियों के लिए सुविधा न के बराबर

 

Chhatarpur News: छत्तरपुर जिले में पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 2018 में खेलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनवाए गए स्टेडियम अब खंडहर में बदलते जा रहे हैं। जिले की पांच विधानसभाओं में लगभग 80 लाख रुपए की लागत से स्टेडियम बनाए गए थे। राजनगर को छोड़कर निर्माण तो पूरा हो गया, लेकिन सात साल बीतने के बाद भी कोई स्टेडियम पंचायत या खेल एवं युवा कल्याण विभाग को हैंडओवर नहीं किया गया।

इस स्थिति के कारण स्टेडियमों की देखभाल नहीं हो रही और धीरे-धीरे ये जगहें बर्बाद होती जा रही हैं। केवल मुंगवारी पंचायत का स्टेडियम अपेक्षाकृत सही स्थिति में है, जबकि पलौठा हार, कुकरेल, महुआझाला और गौरिहार के स्टेडियम बुरी तरह जर्जर हो चुके हैं। अधिकांश स्टेडियम खाली पड़े हैं और प्रशासन की अनदेखी से खिलाड़ियों के लिए अभ्यास की सुविधा समाप्त हो गई है।

पलौठा हार में बने स्टेडियम में खिलाड़ी होने की जगह मवेशी विचरण कर रहे हैं। पवेलियन की सीढ़ियों से टाइल्स उखड़ चुकी हैं और दीवारों में सीलन दिखाई दे रही है। मैदान में गड्ढे और झाड़ियां उग आई हैं। निर्माण सामग्री को उखाड़कर ले जाने की घटनाएं भी सामने आई हैं। असामाजिक तत्वों ने बिजली फिटिंग को तोड़ दिया और लेट-बाथ को क्षतिग्रस्त कर दिया है।

कुकरेल गांव का स्टेडियम भी हैंडओवर न होने की वजह से देखरेख से वंचित है। पवेलियन, गेट और शौचालय असुरक्षित हैं, वहीं ग्राउंड में गड्ढे और जरूरी सुविधाओं का अभाव है। इसी कारण ग्रामीण क्षेत्र के युवा इसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं।

गौरिहार के स्टेडियम में भी हालात खराब हैं। जगह-जगह गड्ढे और पानी भराव से मैदान उपयोग के योग्य नहीं है। भवन का उपयोग केवल सार्वजनिक और वैवाहिक कार्यक्रमों के लिए किया जा रहा है, जबकि खेलों और अभ्यास के लिए यह अनुकूल नहीं है।

स्थानीय खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों का कहना है कि इन स्टेडियमों का निर्माण खिलाड़ियों के लिए अच्छा मंच तैयार करने और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को विकसित करने के लिए किया गया था। लेकिन देखरेख न होने और हैंडओवर न मिलने के कारण यह उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा।

जिला प्रशासन का कहना है कि स्टेडियमों के हैंडओवर और संचालन के लिए कर्मचारियों की नियुक्ति के प्रयास किए जा रहे हैं। जैसे ही स्टेडियमों का आधिकारिक नियंत्रण विभाग को मिलेगा, उन्हें ठीक प्रकार से संचालित किया जाएगा और खिलाड़ियों के लिए अभ्यास के योग्य बनाया जाएगा।

वर्तमान स्थिति यह है कि युवा खिलाड़ी क्रिकेट, फुटबॉल और एथलेटिक्स के लिए उपयुक्त मैदान की तलाश में भटक रहे हैं। स्टेडियम की जर्जर स्थिति खेलों की प्रगति में बाधक बन रही है। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही सुधार और संचालन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों को बढ़ावा मिल सके और खिलाड़ी अपने कौशल को विकसित कर सकें।