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Burhanpur News: पर्यावरण के लिए घातक हैं पॉलीथिन, इसके बजाए कपड़े और कागज की थैली का करें उपयोग

 

Burhanpur News: महिला अधिकार मंच ने पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में पॉलीथिन मुक्त भारत अभियान चलाया। मंच के सभी सदस्य और मुख्य अतिथि कई वर्ष से पर्यावरण को लेकर काम कर रहे मनोज तिवारी ने सभी को पॉलीथिन का उपयोग नहीं करने की समझाइश दी। तिवारी ने कहा पॉलीथिन की बजाय कपड़े और कागज की थैली का उपयोग करें।

सभी ने मेडिकल और किराना दुकानों पर जाकर कागज की थैलियां प्रदान की, ताकि इनका उपयोग किया जा सकामंच पदाधिकारी और सदस्यों ने दुकानदारों से अनुरोध किया कि पॉलीथिन के बजाय कागज की थैली का उपयोग करें। दुकान पर छोटा बोर्ड लगाएं कि सभी ग्राहक अपने साथ कपड़े की थैली घर से लेकर आएं।

मंच के अभियान में रेखा परदेशी ने भी सहयोग किया। रेखा जीवन यापन के लिए रेलवे स्टेशन के सामने जूते पॉलिश करती थीं। मंच ने उन्हें पिछले साल ही सिलाई मशीन भेंट की थी। रेखा द्वारा बनाई थैलियां ही मंच ने वितरित की और रेखा की आर्थिक मदद की। आमजन से अपील की कि सभी लोग रेखा से कपड़े और कागज की थैलियां लें। इससे पर्यावरण संरक्षण होगा और रेखा को भी आय होगी।

मनोज तिवारी ने कहा हम चंद सेकंड अपना मुंह पॉलीथिन के अंदर रखते हैं तो हम सांस नहीं ले पाते, वहीं मानव ने अपने स्वार्थ के लिए पूरी धरती मां को पॉलीथिन से ढंक दिया है। इससे धरती सांस नहीं ले पा रही है। पॉलीथिन एक अविनाशी पदार्थ है, जो मिट्टी में सैकड़ों वर्षों तक बना रहता है। महिला अधिकार मंच राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्योति सिंह ने कहा जानवरों द्वारा खाए जाने पर पॉलीथिन उनके जीवन के लिए घातक सिद्ध होता है।

इसके अलावा, पॉलीथिन के जलने से निकलने वाला धुआं वायुमंडल को विषैला बनाता है और मानव स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचाता है। महिला अधिकार मंच अध्यक्ष प्रेमलता सांकले ने कहा आज आवश्यकता है कि हम सब मिलकर पॉलीथिन का बहिष्कार करें और कपड़े-कागज की थैलियों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

ये थैलियां न केवल पर्यावरण के लिए सुरक्षित हैं, बल्कि पुनः प्रयोग योग्य और स्वदेशी उत्पाद भी हैं। इससे स्थानीय उद्योगों और रोजगार को भी बढ़ावा मिलता है। विशेष सलाहकार मंगला दुबे ने कहा आम जनता से अपील है कि बाजार जाते समय पॉलीथिन की थैली के स्थान पर कपड़े या कागज की थैली अपने साथ ले जाएं और अपने आसपास के लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करें। नीतू सिकरवार ने भी पॉलीथिन के नुकसान बताए।