Chhatarpur News: पंचायतें नहीं ले रहीं टैक्स वसूली में रुचि, विकास कार्य भी रुके
Chhatarpur News: छतरपुर जनपद पंचायत की ढड़ारी, ललौनी, बूदौर, चौका, छिरवाल, हिम्मत्पुय, खडगांव, रम्पुरा, गहरवार, देरी, धौरी, कालापानी सहित कई ग्राम पंचायतों में विकास कार्य ठप हैं। गांवों में विकास के लिए स्व कराधान योजना लागू की है। इसके तहत नल जल योजना, मकान टैक्स, संपत्ति कर, प्रकाश, सफाई और व्यवसायी टैक्स वसूलने की जिम्मेदारी पंचायतों की है।
लेकिन पंचायतें टैक्स वसूली में रुचि नहीं ले रहीं। ग्रामीण भी टैक्स नहीं भरते। अधिकतर लोग चुनाव के समय टैक्स भरते हैं, ताकि नामांकन फॉर्म भर सकें।
शासन के निर्देशों के बावजूद पंचायतों ने गांवों में आय के साधन विकसित नहीं किए हैं। टैक्स वसूली से मिली राशि को गांव के विकास कार्यों में खर्च किया जा सकता है। योजना के तहत टैक्स वसूली का प्रतिशत अच्छा होने पर पंचायत को पुरस्कार देने का भी प्रावधान है। लेकिन जनपद पंचायत के अधिकारियों की लापरवाही से यह योजना सफल नहीं हो पा रही है। ज्यादातर पंचायतों के पास खुद की आय के साधन नहीं हैं। बिजली बिल भरने तक के पैसे नहीं होते। इससे बिजली कंपनी स्ट्रीट लाइट और अन्य कनेक्शन काट देती है।
सफाई व्यवस्था भी बिगड़ जाती है। गांवों में प्रकाश और पेयजल की व्यवस्था ठप हो जाती है। पंचायत जितना टैक्स वसूलेगी, उतनी ही राशि विकास कार्यों में खर्च हो सकेगी। पुरस्कार में मिलने वाली राशि भी पंचायत के मेंटेनेंस में काम आ सकती है। छतरपुर जनपद की कुछ ही पंचायतों में स्व कराधान योजना लागू है। बाकी पंचायतें सरकार की योजनाओं के भरोसे हैं। शासन के निर्देशों के बावजूद टैक्स वसूली की प्रक्रिया को गति नहीं मिल रही।
आय के साधन न होने से पंचायतों में नुकसान
सभी ग्राम पंचायतों के पास स्वयं की आय के संसाधन न होने के कारण कई बार बिजली बिल भरने तक की राशि नहीं रहती है। इससे बिजली कंपनी गांव की स्ट्रीट लाइट और नलजल योजना के कनेक्शन काट देती है। इससे गांव में प्रकाश, पेयजल सहित अनेक व्यवस्थाएं ठप हो जाती है, जबकि गांव में विभिन्न सुविधाओं पर ग्राम पंचायत जितना टैक्स वसूल करेगी, वह राशि विकास कार्य पर खर्च होगी। अन्य राशि भी पंचायत के मेंटनेंस में खर्च हो सकेगी।