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उर्मिल नदी किनारे पुराना विश्राम गृह जर्जर, पीडब्ल्यूडी से तुरंत सुधार की मांग

 

Chhatarpur News: केमाहा गांव में उर्मिल नदी किनारे स्थित पुराना विश्राम गृह अब खस्ताहाल स्थिति में पहुँच गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग 86 के पास बना यह भवन एक समय क्षेत्र की शान हुआ करता था। अंग्रेजी शासनकाल में इसे सेना और अफसरों के ठहराव के लिए बनाया गया था। स्वतंत्रता के बाद यहां मंत्री, अधिकारी और नेता रुकते थे और कई सरकारी पार्टियों का आयोजन भी होता था।

स्थानीय लोगों का कहना है कि विश्राम गृह की हालत इतनी खराब हो गई है कि बीते 20 वर्षों से कोई अधिकारी या मंत्री यहां नहीं ठहरा। हालाँकि परिसर में टाइमकीपर, माली और केयरटेकर की तैनाती है, जो दो एकड़ भूमि में पेड़ों की देखरेख और सफाई करते हैं। फिर भी भवन का रखरखाव उपेक्षित है।

दीवारों में दरारें, प्लास्टर झड़ना, खिड़की-दरवाजे और छत का क्षतिग्रस्त होना इस खस्ता हालत को दर्शाता है। बरसात में मीटिंग हॉल और कमरे पानी से भर जाते हैं और बिजली कनेक्शन वर्षों से बंद पड़ा है। कुछ साल पहले विभाग ने सोलर स्ट्रीट लाइट लगाई थी, लेकिन घटिया गुणवत्ता के कारण छह माह में ही खराब हो गई।

स्थानीय नागरिकों ने चेतावनी दी है कि यदि पीडब्ल्यूडी विभाग जल्द ध्यान नहीं देता, तो यह ऐतिहासिक इमारत कभी भी पूरी तरह ध्वस्त हो सकती है। उनका कहना है कि इसे तुरंत मरम्मत और संरक्षित किया जाना चाहिए, ताकि क्षेत्र की ऐतिहासिक धरोहर बनी रहे और भविष्य में अधिकारी और मंत्री भी यहां ठहर सकें।