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अब एमपी-यूपी बनेंगे जंगली जानवरों का घर, ग्रेटर पन्ना वाइल्डलाइफ लैंडस्केप में बसाए जाएंगे बाघ, गिद्ध व अन्य जानवर

अब एमपी-यूपी बनेंगे जंगली जानवरों का घर, ग्रेटर पन्ना वाइल्डलाइफ लैंडस्केप में बसाए जाएंगे बाघ, गिद्ध व अन्य जानवर
 

उत्तरप्रदेश तथा मध्यप्रदेश के 11 जिलों में संर​क्षित वन्य क्षेत्र विकसित किया जाएगा। दोनों जिलों में फैले इस 47 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में यह प्रयास किया जाएगा। इस जगह पर बाघ, गिद्ध और घड़ियाल जैसे वन्य प्रा​णियों के संरक्षण और उनके पुनर्वास का प्रयास किया जाएगा। ऐसे में हमारे बीच से लुप्त होते जा रहे वन्य प्रा​णियों का फिर से जीवन आगे बढ़ाने का मौका मिलेगा। इस क्षेत्र को ग्रेटर पन्ना नामक एक मेगा वाइल्डलाइफ लैंडस्केप के तहत संर​क्षित किया जाएगा। केंद्र सरकार इस परियोजना पर 3 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगा। यह केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना का ही एक ​हिस्सा है।

 
केंद्र सरकार ने किया ब्लूप्रिंट तैयार
केंद्र सरकार ने अपनी इस महत्वाकांक्षी परियोजना जिसका नाम ग्रेटर पन्ना वाइल्डलाइफ रखा गया है, का ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया है। यह लैंडस्केप मध्यप्रदेश के 8 जिलों और उत्तर प्रदेश के 3 जिलों को मिलाकर बनाया जाएगा। इसमें वन्य प्रा​णियों जैसे बाघ, गिद्ध, घड़ियाल के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया जाएगा। यह परियोजना वन्यजीवन संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम होगी। यह परियोजना लुप्त होते वन्य प्रा​णियों को बचाने तथा हमारी आने वाली पीढि़यों को इन वन्य प्रा​णियों को दिखाने की एक महत्वपूर्ण परियोजना होगी। 


अ​धिकारियों ने की बैठक
इस महत्वपूर्ण परियोजना को सिरे चढ़ाने के लिए सोमवार को पन्ना टाइगर रिजर्व में मध्यप्रदेश और प्रदेश के उच्च अ​धिकारियों की बैठक हुई। इसमें वन्य प्राणी विभाग के अ​धिकारी मौजूद रहे। इस बैठक में दोनों प्रदेशों के अ​धिकारियों ने एक संयुक्त प्रस्ताव तैयार किया है। यह प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। इस बैठक में उत्तरप्रदेश के वन प्रमुख सुनील चौधरी, मध्यप्रदेश के चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन शुभरंजन सेन तथा सभी 11 जिलों के जिला वन अ​धिकारी समेत पन्ना टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर भी मौजूद रहे। 


कैन-बेतवा लिंक परियोजना के नुकसान की भरपाई
इस परियोजना में मध्यप्रदेश के 8 जिले तथा उत्तरप्रदेश के 3 जिले आते हैं। केन-बेतवा लिंक परियोजना के कारण 5800 हेक्टेयर भूमि पन्ना टाइगर रिवर्ज की है। यह भूमि डूब क्षेत्र में जा रही है। इससे नुकसान हो रहा है। इस नुकसान की भरपाई के लिए टाइगर रिजर्व से लगी भूमि से होने वाले राजस्व से की जाएगी। ग्रेटर पन्ना योजना से पन्ना टाइगर रिजर्व का क्षेत्र और अ​धिक बढ़ जाएगा। इस योजना के तहत मध्यप्रदेश के पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, सतना, रीवा, दमोह तथा कटनी जिले आते हैं। वहीं उत्तरप्रदेश के जिलों की बात करें तो इस योजना के तहत चित्रकूट, बांदा और ललितपुर आते हैं।


सुर​क्षित गलियारों तथा जल स्रोतों का होगा विकास
इस योजना के तहत पन्ना टाइगर रिजर्व में मौजूद 100 से अ​धिक बाघों के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में आने-जाने वाले बाघों के लिए भी सुर​क्षित गलियारों और जल स्रोतों को बढ़ाया जाएगा। यहां पाई जाने वाली गिद्धों की 7 प्रजातियों के लिए विशेष कलस्टर बनाए जाएंगे। इसमें ऊंचे पेड़ों की रोपाई, भोजन की उपलब्धता तथा पानी की समुचित व्यवस्था की जाएगी। पन्ना में इस समय 3 हजार गिद्ध मौजूद हैं। इस समय यहां 4 पुनर्वास केंद्र हैं, जिनकी संख्या बढ़ाकर 11 तक की जाएगी। इसके अलावा पन्ना में इस समय 167 घड़ियाल मौजूद हैं। उनके लिए 13 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र है, इसे भी बढ़ाकर 22 वर्ग किलोमीटर से अ​धिक जाएगा।