new transfer policy :मध्यप्रदेश में नई तबादला नीति, कभी भी हो सकेंगे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के तबादले
new transfer policy : मध्यप्रदेश में अब कभी भी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के तबादले हो सकेंगे। मुख्यमंत्री मंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी ने इन तबादलों की मंजूरी देते हुए नई तबादला नीति लागू कर दी है। अब 30 मई को इन कर्मचारियों के तबादले किए जा सकेंगे। तबादलों पर यह रोक चार साल बाद हटाई गई है। अब मंत्री भी तबादले कर सकेंगे। मंगलवार से प्रदेश में नई तबादला नीति 2025 लागू हो गई है।
इससे पहले मध्यप्रदेश में 2022 में जून 2021 की नीति के तहत तबादले हुए थे। प्रदेश में इस समय 6 लाख 6 हजार पक्के कर्मचारी हैं। नई तबादला नीति में 10 प्रतिशत का तबादला होना तय माना जा रहा है। ऐसे में 1 से 30 मई तक प्रदेश के लगभग 60 हजार अधिकारियों व कर्मचारियों के तबादले हो सकते हैं। यह नई तबादला नीति प्रदेश के सभी वर्गों के अधिकारियों और कर्मचारियों को लेकर बनाई गई है। यह एक ऐसी तबादला नीति है, जिसके आधार पर समय-समय पर तबादले किए जा सकते हैं। इसमें व्यवस्था यह की गई है कि किस कैडर के कितने अधिकारी और कर्मचारियों को एक तय अवधि में तबादले किए जा सकते हैं। पिछले चार साल से तबादलों पर रोक के कारण सरकार को यह नई तबादला नीति लानी पड़ी।
बड़े अधिकारी नहीं आ सकेंगे सीधे इस नीति में
नई तबादला नीति में कर्मचारियों की एक संख्या के आधार पर अधिकारी व कर्मचारियों के तबादले किए जा सकते हैं। यह संख्या जीएडी द्वारा निर्धारित अधिकतम तबादला संख्या के आधार पर लागू होगी। वहीं इस नई नीति में आईएएस, आईपीएस, आईएफएस और राज्य प्रशासनिक व राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी इस नीति के दायरे में सीधे तौर पर नहीं आएंगे। इनके तबादले केवल सरकार प्रशासनिक व्यवस्था के आधार पर करती रहेगी। यह सभी अधिकारी मुख्यमंत्री के विशेष अधिकार में आते हैं। मुख्यमंत्री प्रशासनिक कामकाज के आधार पर अपनी व्यवस्था के लिए इन अधिकारियों का तबादला कर सकते हैं।
तबादले के लिए ऑनलाइन करना होगा आवेदन
यदि कोई कर्मचारी या अधिकारी अपना तबादला करवाना चाहता है तो उसे विभाग द्वारा तय की गई प्रक्रिया के आधार पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। यदि किसी विभाग में ऑनलाइन की व्यवस्था नहीं है तो वहां विभागाध्यक्षों, मंत्रियों के पास ऑफलाइन आवेदन किए जा सकेंगे। यदि हम चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के तबादलों की बात करें तो इनके तबादले कभी भी हो सकते हैं। इन कर्मचारियों के तबादले सीधे विभागीय मंत्री ही कर सकेंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री के पास फाइल नहीं भेजी जाएगी। एक मई से नई तबादला नीति लागू हो जाएगी। इस दौरान 60 हजार कर्मचारियों व अधिकारियों के तबादले किए जा सकते हैं।
मंत्री व विधायकों के पास भी अधिकार
कोई भी मंत्री अपने विभाग के किसी अधिकारी या कर्मचारी का तबादला एक से दूसरे जिले में कर सकता है। इसके अलावा उपायुक्त द्वारा तैयार की जाने वाली जिला स्तरीय तबादला सूची का भी वह अनुमोदन करेंगे। इसके आधार पर ही तबादले हो सकेंगे। कोई भी विधायक अपनी पसंद के अधिकारी या कर्मचारी को अपने जिले या क्षेत्र में तबादले के लिए अनुशंसा कर सकेंगे। यदि कोई कर्मचारी या अधिकारी तबादला होने के 15 दिन के अंदर ज्वाइनिंग नहीं करता है तो उसके खिलाफ सरकार कार्रवाई कर सकती है।