नपा अध्यक्ष का वार्ड गंदगी और पानी भराव से परेशान, विकास कार्य अटके
Chhatarpur News: शहर के वार्ड 21 से लेकर 40 तक वे वार्ड आते हैं, जहाँ नगर पालिका के बड़े-बड़े पदाधिकारी रहते हैं। इनमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष तक शामिल हैं। इसके बावजूद इन इलाकों में रोड, नाली, पुलिया, सफाई और पानी सप्लाई जैसी बुनियादी समस्याएँ जस की तस बनी हुई हैं। वार्डवासी जब भी शिकायत लेकर जनप्रतिनिधियों तक पहुँचते हैं, उन्हें केवल आश्वासन ही मिलता है।
नगर पालिका परिषद की बैठक साल में दो बार होती है, जिसमें पार्षद अपने-अपने वार्ड के विकास कार्यों के प्रस्ताव रखते हैं। प्रस्ताव तो पास कर दिए जाते हैं, लेकिन नगर पालिका का प्रशासन समय पर टेंडर आमंत्रित नहीं करता और न ही वर्क ऑर्डर जारी होते हैं। इसी वजह से अधिकांश काम कागज़ों में ही दबे रह जाते हैं।
अध्यक्ष के वार्ड में भी जलभराव और कचरा
नगर पालिका अध्यक्ष ज्योति सुरेंद्र चौरसिया वार्ड 35 से पार्षद हैं। उनके वार्ड की शांति नगर कॉलोनी के पीछे के हिस्से में सालों से खाली पड़े प्लॉट में पानी जमा रहता है। गली नंबर 2 में भी कचरे और गंदे पानी की समस्या बनी रहती है। कॉलोनी के कई हिस्सों का सीसी रोड टूटा पड़ा है। अध्यक्ष के घर के सामने सागर रोड चौड़ीकरण का काम अधूरा छोड़ दिया गया, जिससे बारिश में पानी भर जाता है।
उपाध्यक्ष के वार्ड की हालत भी खराब
वार्ड 21 से उपाध्यक्ष विकेंद्र वाजपेयी उर्फ मिंटू पंडा पार्षद हैं। उनके क्षेत्र में खदान तलैया गंदगी से पटी पड़ी है। मुक्तिधाम के पास की पुलिया क्षतिग्रस्त है और कई जगहों पर कचरे के ढेर लगे हैं। नई बस्ती और पहाड़ी क्षेत्र में नल जल योजना की पाइपलाइन तो बिछाई गई, लेकिन पानी की टंकी न बनने से लोगों को पानी नहीं मिल रहा। वार्ड में बना अटल पार्क का ओपन जिम भी बिना देखरेख के खस्ताहाल हो चुका है।
नेता प्रतिपक्ष का वार्ड भी उपेक्षित
वार्ड 28 से नेता प्रतिपक्ष शिवानी पप्पू चौरसिया पार्षद हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि नगर पालिका अधिकारी मनमानी तरीके से काम कर रहे हैं। सफाई के लिए पर्याप्त कर्मचारी नहीं दिए गए, जिस कारण वार्ड में जगह-जगह गंदगी और आवारा मवेशियों का जमावड़ा है।
वार्ड 32 में गंदे पानी से बीमारी का खतरा
वार्ड 32 की पार्षद शैला बिट्ट चौरसिया ने बताया कि मऊ दरवाजा नाला और सांतरी तलैया का निर्माण दो साल से लंबित है। नाले का काम अटकने के कारण कॉलोनी में गंदा पानी भर रहा है और लोगों में डायरिया फैलने का खतरा बना हुआ है।
दूसरे वार्डों की समस्याएँ
वार्ड 36 के पार्षद राजेश मिश्रा का कहना है कि ऊँचाई वाले हिस्सों तक पानी नहीं पहुँचता। वार्ड 22 के पार्षद राम प्रसन्न शर्मा ने बताया कि बड़े नाले का निर्माण अधूरा है। वार्ड 26 की पार्षद शकीला अब्बास अली ने कहा कि रोड और नालियों का निर्माण हुआ है, लेकिन सफाई व्यवस्था ठीक नहीं है। वार्ड 29 की पार्षद कुंती सेन का कहना है कि यहाँ समय पर पानी आ जाता है, इसलिए ज्यादा काम की ज़रूरत नहीं है।
वार्ड 31 के पार्षद दीपेंद्र असाटी ने बताया कि आधे वार्ड में पाइपलाइन से पानी नहीं पहुँच रहा। पानी की टंकी का टेंडर हो चुका है, लेकिन निर्माण बाकी है। वार्ड 38 की पार्षद काशीबाई कुशवाहा ने कहा कि गली-गली में बारिश का पानी भरा है और सफाई कर्मचारियों की कमी है। वार्ड 39 की पार्षद सुनीता चतुर्वेदी ने कहा कि सफाई के नाम पर सिर्फ दो कर्मचारी हैं और नारायणपुरा रोड का निर्माण अटका हुआ है। वार्ड 40 की पार्षद अल्का दुबे ने बताया कि उनके क्षेत्र में सीसी रोड और नाले का निर्माण कराया गया है, जिससे पानी निकासी की व्यवस्था बेहतर हुई है।
जिम्मेदारों की अनदेखी
स्पष्ट है कि शहर के अधिकांश वार्डों में नालियों की सफाई, पानी सप्लाई और सड़कों की स्थिति बेहद खराब है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि विकास कार्यों के लिए प्रस्ताव पारित होने के बाद भी प्रशासन की लापरवाही से टेंडर नहीं निकाले जाते। यही कारण है कि जनता की समस्याएँ जस की तस बनी रहती हैं।