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131 साल से जीवित है संगीत परंपरा, बकायन में 48 घंटे की साधना के लिए जुटेंगे देशभर के कलाकार

 

Damoh News: दमोह जिले के छोटे से गांव बकायन में 10-11 जुलाई को गुरु पूर्णिमा पर मध्यप्रदेश का सबसे पुराना संगीत महोत्सव आयोजित होगा। यह आयोजन 131 वर्षों से निरंतर चल रहा है और गुरु-शिष्य परंपरा का जीवंत उदाहरण है। श्री हनुमान मंदिर परिसर में होने वाला यह आयोजन केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पहचान भी बन चुका है।

इस अनूठे महोत्सव में 48 घंटे तक बिना रुके संगीत की साधना होती है। देशभर से 17 कलाकार शामिल होंगे, जिनमें कथक, बांसुरी वादन और शास्त्रीय गायन की प्रस्तुतियां दी जाएंगी।

परंपरा से जुड़े संजय पलनीटकर बताते हैं कि इस महोत्सव की नींव 1894 में बलवंत राव पलनीटकर ने अपने गुरु नानासाहेब पांसे की स्मृति में रखी थी। उन्होंने इंदौर में मृदंग, तबला और नृत्य की शिक्षा लेने के बाद बकायन लौटकर 57 शिष्यों को दीक्षित किया था।

महोत्सव में मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, गुवाहाटी, भुवनेश्वर और धारवाड़ जैसे शहरों से कलाकार भाग लेंगे। संगतकारों में सारंगी, तबला और पखावज के प्रसिद्ध नाम शामिल हैं।गांव में आयोजित यह संगीत यात्रा केवल परंपरा नहीं, बल्कि श्रद्धा, साधना और संस्कृति का अनूठा संगम है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ रहा है।