Movie prime

MP News: जमीन विवाद में फायरिंग करने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस प्रशासन ने लिया बड़ा फैसला, अब फायरिंग मामले में FIR हुई तो शस्त्र लाइसेंस होगा निलंबित

 

MP News: मध्य प्रदेश राज्य में जमीन विवाद मामले में फायरिंग करने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। अब जमीन विवाद के मामलों में फायरिंग करने वाले लोगों पर FIR होने के बाद शस्त्र लाइसेंस निलंबित किए जाएंगे। दरअसल चंबल में जमीन विवादों में लाइसेंसी हथियारों के प्रयोग की घटनाएं लगातार होती हैं।

दूसरे स्थान पर ऐसे मामले होते हैं जिनमें लोग अपराध करते हैं और फिर अपने शस्त्र के दम पर राजीनामा करने के लिए दबाव बनाते हैं या गवाहों को धमकाते हैं। अब जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने जिले के शस्त्र लाइसेंसधारियों में से आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को फिल्टर करने का काम शुरू किया है।

इसके लिए पुलिस ने पहली बार शस्त्र लाइसेंसधारियों के डाटा को सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम) के मास्टर डाटा व न्यायालय के डाटा से मिलान किया। इसमें पता चला मौजूदा 25162 शस्त्र लाइसेंसधारियों में से अब तक 1402 लोगों पर केस दर्ज हो चुके हैं। इसमें से 991 लोगों के प्रकरण जांच के बाद समाप्त हो गए या बरी हो गए। बाकी 411 लोगों के प्रकरण विवेचना में हैं या कोर्ट में हैं। 

अब इनके लाइसेंस निलंबन से पहले इन्हें नोटिस दिया है, ताकि इनमें से कोई ऐसा है जो विवेचना में या ट्रायल में निदर्दोष साबित हुआ तो वह अपना पक्ष रख सके। इसके लिए करीब 10 दिन का समय लाइसेंसधारियों को दिया है। इसके बाद शस्त्र निलंबन की कार्रवाई होगी। दूसरे चरण में ऐसे मामले जिसमें दबंग लाइसेंसधारियों पर जमीनी विवाद प्रमाणित हैं। हथियारों का प्रयोग पीड़ित को धमकाने में या विवाद में न करें। इसके लिए पुलिस इनकी सूची तैयार कर लाइसेंस निलंबन की अनुशंसा कलेक्टर से करेगी।

8 पुलिस कर्मचारियों की टीम ने 20 दिन तक किया स्कैन

एसपी समीर सौरभ ने तकनीक नीक के 8 माहिर पुलिस कर्मचारियों की एक टीम बनाई। कलेक्टर अंकित अस्थाना की मदद से शस्त्र शाखा के डाटा को लेकर इस टीम ने स्कैनिंग शुरू की। करीब 20 दिन में 25 हजार से ज्यादा लाइसेंसधारियों में से प्रत्येक का रिकॉर्ड सीसीटीएनएस से मिलान किया गया। इसमें पता चला कि साल 2009 (सीसीटीएनएस के शुरू होने से) लेकर अब 1402 लाइसेंसी विभिन्न अपराधों में आरोपी बने। हालांकि इनमें से 70 फीसदी विवेचना में और कोर्ट में बरी हो गए।

हमारा उद्देश्य लाइसेंसी हथियारों से घटना रोकना

समीर सौरभ, एसपी मुरैना ने कहा कि 
हमारी इस पहल के दो उद्देश्य है। पहला जमीनी विवादों में लाइसेंसी हथियारों से घटना रोकना। दूसरा किसी भी अपराध के बाद लाइसेंसी हथियार के दम पर गवाहों को धमकाने की घटनाओं को रोकना।  इसके अलावा इस मामले में 
अंकित अस्थाना, कलेक्टर मुरैना ने बताया कि पुलिस ने हमें फिल्टर करके 411 नाम दिए हैं। इन्हें हम नियमानुसार नोटिस दे चुके हैं। इसके बाद इन्हें निलंबित किया जाएगा।