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MP News: नए औद्योगिक क्षेत्र में भूखंड हेतु आवेदन करने के बाद निवेशकों ने नहीं की एलओआई की राशि जमा, 212 में से 203 हुए निरस्त

 

MP News: मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के जावरा में बने नए औद्योगिक क्षेत्र में निवेशक रुचि नहीं दिखा रहे हैं। जावरा के शुगर मिल परिसर में विकसित किए जा रहे नए बहु उत्पाद औद्योगिक क्षेत्र परिसर में डेवलपमेंट कार्य शुरू करने से पहले भूखंड बुकिंग के लिए 212 निवेशकों ने ऑनलाइन आवेदन किए थे। इनमें से 203 निवेशकों ने एलओआई (आशय पत्र) की राशि जमा नहीं की। इसलिए इनके आवेदन निरस्त कर दिए गए। अभी सिर्फ 9 निवेशक हैं, जिनमें से 2 ने भूखंड उपयोग परिवर्तन के लिए आवेदन दिए। बाकी का सर्वे कार्य पूरा हो चुका है। वहीं नए सिरे से भूखंड बुकिंग और आवंटन के लिए 25 जून जून से ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू हो गई है। इच्छुक निवेशक ले सकते हैं।

यह जानकारी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को विधानसभा सत्र के दूसरे दिन दी। वहीं सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चेतन्य कुमार काश्यप ने जानकारी दी कि जावरा तहसील क्षेत्र में 34.61 हेक्टेयर अविकसित भूमि उपलब्ध है। इसके अलावा 33.617 हेक्टेयर भूमि पर नया औद्योगिक क्षेत्र डेवलप किया जा रहा है। इसमें से जिन 9 निवेशकों ने औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए भूमि आवंटित करवाई है, उसका कुल रकबा 4974 वर्ग मीटर है। इनकी लीज डीड निष्पादन की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। मंत्री काश्यप ने जो जानकारी दी उसमें खास बात ये है कि पिपलौदा तहसील क्षेत्र में उद्योगों के लिए ऐसी कोई आरक्षित भूमि नहीं है। 

दरअसल विधायक ने ये प्रश्न पूछा था कि नए औद्योगिक क्षेत्र में 212 निवेशकों ने भूखंड बुकिंग के लिए आवेदन किए थे तो ऐसे क्या कारण रहे कि केवल 9 निवेशक बचे और बाकी ने आवेदन वापस ले लिए। बाकी कार्रवाई कब पूरी होगी। इसके जवाब में सीएम और मंत्री काश्यप ने उक्त जानकारी सदन में साझा की। एक अन्य प्रश्न के जवाब में श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल ने बताया कि रतलाम जिले में करीब 137 छोटे उद्योगों को पंजीकृत किया गया है। विधायक के मांगने पर महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया, सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग और कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना ने भी संबंधित विभागों की जानकारी आंकड़ों सहित साझा की।

एप्रोच, विद्युतीकरण बाकी पानी की आपूर्ति चुनौती

सरकार ने नए निवेशकों के नहीं आने का कारण तो नहीं बताया लेकिन भास्कर ने पड़ताल की तो पता चला कि नए औद्योगिक क्षेत्र की एप्रोच रोड के लिए भूमि मिल चुकी है तथा टेंडर हो चुके हैं लेकिन अभी काम शुरू नहीं हुआ। वहीं विद्युतिकरण का कार्य शुरू हो चुका है और पोल लगा दिए लेकिन अभी लाइन बिछाना और कनेक्शन जोड़ना बाकी है। वहीं पानी की आपूर्ति का कोई स्त्रोत एमपीआईडीसी को नहीं मिला है। इन्हीं असुविधाओं के कारण फिलहाल नए निवेशक रुचि नहीं ले रहे हैं।