MP News: प्रदेश की 54 जनपद पंचायतें चल रहीं प्रभारियों के भरोसे, खिरकिया प्रभारी के पास ही हरदा का भी अतिरिक्त प्रभार
MP News: मध्यप्रदेश की 54 जनपद पंचायतें बिना नियमित सीईओ के चल रही हैं। इनमें सबसे ज्यादा लंबे समय से सागर जिले की राहतगढ़ जनपद पंचायत खाली है, जहां 5 मार्च 2021 से अब तक सीईओ की नियुक्ति नहीं हुई। इसके बाद 14 नवंबर 2022 से शाजापुर जनपद पंचायत प्रभारी सीईओ के भरोसे चल रही हैं। खंडवा की जनपद पंचायत 1 नवंबर 2023 से और रतलाम की जनपद पंचायत 11 सितंबर 2023 से खाली हैं। प्रदेशभर में ऐसी स्थिति बनी है कि कहीं दो साल से तो कहीं एक साल से ज्यादा समय से प्रभारी सीईओ ही पूरे कामकाज को संभाल रहे हैं।
खिरकिया जनपद का मामला और भी खास है। 14 मई 2022 से हरदा जिले की खिरकिया जनपद पंचायत खुद प्रभारी सीईओ के भरोसे चल रही है और अब उन्हीं सीईओ को पूरे हरदा जिले की कमान यानी हरदा जिला पंचायत सीईओ का प्रभार मिल गया है। जिला सीईओ का करीब एक महीने पहले तबादला
होने के बाद से ये प्रभारी खिरकिया जनपद सीईओ को मिला हुआ है। इसके अलावा 2023 से ही आगरमालवा जिले की बड़ौद, राजगढ़ जिले की खिलचीपुर, शिवपुरी जिले की पिछोर और
सीधी जिले की सिहावल-मझोली जनपद पंचायत प्रभारी सीईओ के भरोसे चल रही हैं। रिक्त पदों पर जनपद सीईओ की नियुक्ति कब तक हो पाएगी फिलहाल यह भी तय नहीं है।
दो साल से 26 जनपद पंचायतें प्रभारियों के भरोसे पर चल रहीं
2024 से 7 जनपद पंचायतें खाली: वर्ष 2024 से प्रदेश की 7 जनपद पंचायतों में नियमित सीईओ नहीं हैं। इनमें ग्वालियर की घाटीगांव (बरई) 29 फरवरी से, डबरा 11 जून से, बालाघाट की लांजी 30 जून से, देवास की सोनकच्छ और खाचरौद 22 अगस्त से तथा मऊगंज 14 सितंबर 2024 से खाली हैं।
2025 में 19 जनपद पंचायतें खाली: वर्ष 2025 में जुलाई तक 19 जनपद पंचायतों में सीईओ नहीं हैं। इनमें नर्मदापुरम, भगवानपुरा, छैगांव माखन, शुजालपुर, बेगमगंज, पनागर, किरनापुर, खैरलांजी, विरसा, शिवपुरी, चंदेरी, अंबाह, गोहद, मझगवां, उचहेरा, सागर, बण्डा, पटेरा, बक्सवाहा और सोहागपुर शामिल हैं।
अंतिम बार 2022 में हुई थी 13 पदों पर भर्ती
मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) ने स्टेट सर्विस एग्जाम 2022 के जरिए जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) के 13 पदों पर भर्ती की थी। उसके बाद से इस पद के लिए कोई नई भर्ती नहीं हुई है। वर्तमान में 313 जनपद पंचायतों में से करीब 54 यानी लगभग 17.25% पंचायतें प्रभारियों के भरोसे चल रही हैं। विधानसभा के मानसून सत्र में जनपद सीईओ की नियुक्ति से जुड़े सवाल पर पंचायत मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने लिखित में जवाब दिया कि विभाग द्वारा समय-समय पर एमपी पीएससी को मांग पत्र भेजे गए हैं, लेकिन नियुक्ति कब तक होगी, इसकी समय सीमा बताना संभव नहीं है।