प्रधानमंत्री आवास योजना में देरी, 2 हजार से ज्यादा परिवारों को हो रही समस्याएं
Bina News: प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत चार महीने पहले जिन परिवारों को अपने कच्चे मकान को तोड़कर पक्के घर बनाने का सपना मिला था, वे अब बजट की कमी के कारण परेशान हैं। योजना में देरी के कारण लगभग 2,000 से ज्यादा हितग्राही इस समय किराए के घरों, झोपड़ियों या पड़ोसियों के घरों में रहने को मजबूर हैं। खासकर बारिश के मौसम में, जब इनके पास खुद का पक्का घर नहीं है, तो ये परिवार समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
अब तक, जनपद पंचायत की ओर से 5.16 करोड़ का बजट जारी किया जाना था, लेकिन प्रशासन को अभी तक बजट नहीं मिला है। इसके कारण पीएम आवास योजना के सातवें चरण में स्वीकृत 4800 आवासों में से कई परिवारों को पहले, दूसरे, तीसरे और चौथे किस्तों का भुगतान नहीं हुआ है। इनमें से 332 को पहली, 994 को दूसरी, 639 को तीसरी और 71 को चौथी किस्त का इंतजार है।
मंडीबामोरा की शारदा विश्वकर्मा ने कच्चा मकान तोड़ दिया था, लेकिन तीसरी किस्त का भुगतान न होने पर उन्हें पड़ोसी के घर शरण लेनी पड़ी। इसी तरह, कली अहिरवार और रूपवती अहिरवार को भी सरकारी भवन में रहने की मजबूरी आ पाई। इसके अलावा, बिहरना पंचायत की दीपा धानक अपनी जर्जर झोपड़ी में अपने बच्चों के साथ रह रही हैं। वह कहती हैं, "हमारा कच्चा मकान कभी भी गिर सकता है, जिससे बड़ा हादसा हो सकता है।"
प्रशासन का कहना है कि बजट मिलने के बाद ही सभी हितग्राहियों को उनकी किस्तें दी जाएंगी, लेकिन इसके लिए उन्हें अब तक इंतजार करना पड़ रहा है।