आदिवासियों की बेची गई जमीनों की जानकारी विधानसभा में मांगी, मोहनगढ़ का मामला अब भी लंबित
Tikamgarh News: टीकमगढ़ विधायक यादवेंद्र सिंह ने विधानसभा में राजस्व मंत्री से पूछा कि जिले में 1 अप्रैल 2012 से 30 मार्च 2025 तक किन गांवों में आदिवासियों की कितनी जमीनें बेची गईं। उन्होंने पूछा कि बेची गई जमीनों के खसरा नंबर और कलेक्टर की अनुमति की प्रतियां भी उपलब्ध कराई जाएं। साथ ही यह भी जानकारी मांगी कि क्या इन आदिवासियों ने बाद में कोई और जमीन खरीदी।
राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने बताया कि कलेक्टर द्वारा दी गई बिक्री अनुमतियों की जानकारी उपलब्ध है, लेकिन यह पता नहीं कि आदिवासियों ने जमीन बेचने के बाद दोबारा कोई जमीन खरीदी या नहीं।
विधायक ने मोहनगढ़ तहसील में लंबित एक प्रकरण का भी जिक्र किया। मंत्री ने बताया कि यह मामला न्यायालय से 20 दिसंबर 2023 को अनुविभागीय अधिकारी जतारा को भेजा गया था। बाद में 14 जुलाई 2025 को यह जांच के लिए तहसीलदार मोहनगढ़ को भेजा गया। जांच पूरी होने के बाद इसे 5 दिन में फिर एसडीएम को भेजा जाएगा, पर अभी समयसीमा तय नहीं है।जिले में इससे पहले भी आदिवासी जमीनों के विवाद चर्चा में रहे हैं।
करीब तीन साल पहले नादिया गांव में आदिवासियों की जमीन पर जबरन कब्जे की शिकायत की गई थी, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। वहीं, पृथ्वीपुर में आदिवासी की लगभग दो एकड़ जमीन फर्जी तरीके से शिक्षा समिति के नाम दर्ज कराई गई थी। जांच में गड़बड़ी सामने आने पर जमीन फिर से मूल भू-स्वामी के नाम दर्ज करने की अनुशंसा की गई थी, लेकिन दोषी पटवारी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।