MIYAZAKI MANGO FARMING: MP के इस जिले में मिलते हैं 3 लाख रुपए किलो वाले आम, किसान ने कड़ी मेहनत के बाद खड़ी की फसल
Success Story: मध्यप्रदेश राज्य के रतलाम जिले में किसान अपनी कड़ी मेहनत से अढ़ाई से 3 लाख रुपए प्रति किलो तक के आम की फसल की खेती कर रहा है। यह कहानी रतलाम जिले के टैक्स कंसल्टेंट से किसान बने संजय अग्रवाल की है, जो आमों की सफल खेती कर रहे हैं और दूसरे किसानों को प्रशिक्षण भी दे रहे हैं। संजय के पिता राधा वल्लभ अग्रवाल सागर के पहले सीए थे। उन्हीं के पदचिह्नों पर चलते हुए संजय टैक्स कंसल्टेंट बन गया और 22 साल से प्रैक्टिस कर रहा है।
5 एकड़ जमीन खरीद कर शुरू की खेती
संजय के पास न तो खेती की जमीन थी और न ही खेती-किसानी का अनुभव। लेकिन चाहता था कि किसान बनूं और दूसरों को राह दिखाऊं। फिर कोरोना के कुछ साल पहले मुझे पता चला कि राजघाट के पास मूड़रा गांव में खेती की कुछ जमीन बिक रही है। मैंने वहां जाकर 5 एकड़ जमीन खरीदी। रुपए कम पड़े तो पर्सनल लोन लिया। अब मैं एक कदम आगे बढ़ गया था लेकिन अब खेती करने की चुनौती थी। खेती-किसानी के गुर सीखने के लिए मैं अपने काम से वक्त निकालकर हर सप्ताह देश के ऐसे स्थानों पर गया जहां अच्छी किस्म के पौधे मिलते हैं। ताकि मैं मध्यप्रदेश के किसानों को कुछ नया दे सकूं।
वर्ष 2020 में कोलकाता से लेकर आए आम की मियाजाकी नस्ल के पोंधे
वर्ष 2020 में कोलकाता से 2000 रुपए प्रति पौधे की दर से मियाजाकी आम (MIYAZAKI MANGO FARMING) के 20 पौधे लाया। इन्हें अपने खेत में लगाया। जैविक खाद दी। तेज गर्मी और सर्दी से बचाने के लिए इन्हें कपड़ों से ढककर रखा। अब 5 साल बाद इन सभी पेड़ों पर आम आ गए हैं। प्रत्येक पेड़ पर 3 से 5 किलो आम (MIYAZAKI MANGO) हैं। एक आम का वजन 350 ग्राम से 500 ग्राम तक है। ये गहरे लाल रंग के हैं। इनमें रेशा नहीं होता। इन्हें ऐग ऑफ द सन यानी सूर्य का अंडा भी कहा जाता है। बाजार में इन आमों की कीमत ढाई से 3 लाख रुपए प्रति किलो है, क्योंकि इनमें न्यूट्रिशन की अधिकता होती है।
मियाजाकी आम (MIYAZAKI MANGO) की जापान से हुई थी शुरुआत
मियाजाकी आम सबसे पहले जापान के शहर मियाजाकी से आए थे, इसलिए इन्हें इसी नाम से पहचाना जाता है। न्यूट्रिशन की वैल्यू के आधार पर इनके दाम तय होते हैं। अभी मुझे अपने खेत के इन आमों में न्यूट्रिशन के स्तर की जांच करानी है। जांच के बाद ही आम के दाम तय होंगे। ये आम देश-विदेश में हाथों-हाथ बिक जाते हैं। यदि किसान चाहें तो अपने खेत की की मेढ़ पर या किसी कोने पर इन पौधों को लगाकर लाखों रुपए की अतिरिक्त आमदनी कर सकते हैं। आसपास के कुछ किसानों ने आकर मुझसे संपर्क भी किया है, जिन्हें मैं इन आमों का बगीचा तैयार करने का प्रशिक्षण दे रहा हूं। इसके अलावा तोतापरी, लंगड़ा, नीलम, अरुणिका सहित 50 से ज्यादा आमों के पौधे भी लगाए हैं।