इंदौर-उज्जैन के बीच बनने वाले हर ब्रिज पर बनेगा मेट्रो ट्रेन का ट्रैक
सिंहस्थ को लेकर इंदौर-उज्जैन के बीच में कई काम हो रहे हैं। ट्रैफिक कंट्रोल के लिए ओवर ब्रिजों पर फोकस किया जा रहा है, जिसको लेकर एक अहम फैसला किया गया है। इंदौर-उज्जैन के बीच कोई भी ब्रिज बनेगा तो उसमें मेट्रो ट्रेन के ट्रैक की जगह छोड़ी जाएगी। इसको लेकर मेट्रो कंपनी के साथ निर्माण एजेंसियों की जल्द ही एक बैठक होगी।
इंदौर-उज्जैन को जोड़ने के लिए मेट्रो ट्रेन चलाने को लेकर सरकार ने कुछ महीने पहले ही सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी। इस बात को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पिछले दिनों इंदौर मेट्रो ट्रेन के लोकार्पण कार्यक्रम में भी दोहराया।
इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को देखते हुए सभी विकास एजेंसी और मेट्रो ट्रेन कंपनी के अफसरों की एक बैठक मंगलवार को प्रस्तावित थी, जो किन्हीं कारणों से निरस्त हो गई। जल्द ही यह बैठक रखी जाएगी।
डबल डेकर ब्रिज भी बना चिंता का विषय
पर्दे के पीछे की कहानी यह है कि सिंहस्थ को लेकर विकास तेजी से चल रहा है ताकि ट्रैफिक को लेकर दिक्कत ना आए। इसको लेकर सड़क और ओवर ब्रिज बनाए जाना भी प्रस्तावित है।
ऐसे में ऐसा कोई निर्माण ना हो जाए, जिसकी वजह से मेट्रो ट्रेन का प्रोजेक्ट खटाई में आ जाए या व्यवधान पैदा हो जाए। लवकुश चौराहे पर बनने वाले डबल डेकर ब्रिज भी चिंता का विषय है, क्योंकि उसके पहले ही इंदौर-उज्जैन मेट्रो को रोकना पड़ेगा या इंदौर की मेट्रो से जोड़ने के लिए विकल्प पर विचार करना होगा।
वर्तमान में इंदौर-उज्जैन के बीच सिक्स लेन रोड का काम चल रहा है। इसके चलते निर्माण करने वाली एजेंसी एमपीआरडीसी ने छह मीटर जगह छोड़ने का अभी से प्रावधान कर दिया है ताकि भविष्य में परेशानी ना आए। बीच वाले हिस्से में पिलर खड़े करके मेट्रो का ऐलिवेटेड ट्रैक बनाया जाएगा। मेट्रो के दोनों तरफ सड़क चलेगी।
कंपनी ने मांगी थी जमीन
इंदौर-उज्जैन के बीच मेट्रो की घोषणा के बाद मप्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड हरकत में आ गई थी। सिविल महाप्रबंधक ने इंदौर व उज्जैन कलेक्टर को पत्र लिख 15 से 20 हेक्टेयर जमीन मांगी थी।
रेवती की सर्वे नंबर 123/5 की कुल 38.87 हेक्टेयर जमीन में से 25 हेक्टेयर जमीन नगरीय विकास एवं आवास विभाग को आवंटित करने की मांग की थी। तब से प्रस्ताव लंबित है।
बनेंगे 7 स्टेशन
इंदौर उज्जैन के बीच मेट्रो ट्रेन से धार्मिक पर्यटन के लिए आने वाले यात्रियों के लिए आसानी होगी। 58 किमी के कॉरिडोर में 7 स्टेशन प्रस्तावित हैं। मेट्रो ट्रेन 50 से 60 मिनट में ये दूरी तय करेगी।
प्रोजेक्ट पर करीब सात हजार करोड़ रुपए खर्च का अनुमान है। इस प्रोजेक्ट में बाधा नहीं है और जमीन अधिग्रहण की आवश्यकता भी नहीं है। सड़क के बीच में पिलर बनाकर ट्रैक तैयार होगा।
मेट्रो ट्रेन के ट्रैक के साथ बनेगी डिजाइन
सिंहस्थ को लेकर उज्जैन में ओवर ब्रिज बनाए जाना है, जिसका निर्माण पीडब्ल्यूडी, नगर निगम, एमपीआरडीसी या यूडीए कराएगा। उज्जैन में ही करीब छह ओवर ब्रिज बनाए जाने हैं। उनकी डिजाइन ऐसी बनाई जाएगी, जिसमें मेट्रो के ट्रैक की जगह छोड़ी जाएगी। उसकी डिजाइन या अन्य सुझाव को लेकर विभागों की बैठक होगी, जिसमें मेट्रो कम्पनी से राय ली जाएगी।