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MP News: अवसाद और मस्तिष्क की बीमारियों की दवाइयों एक ही जगह मिलती थी वहा से भी हो गई बंद

 

MP News: साधना (बदला हुआ नाम) लंबे समय से हाइपर टेंशन से पीड़ित हैं। कुछ लक्षण अवसाद की तरह भी हैं। बड़ौदा का इलाज चल रहा है। अक्सर दवाई लेना पड़ती है। ये दवाई कुछ दिन पहले तक झाबुआ में मिल जाती थीं, लेकिन अब मुश्किल होती है। ऐसे में गुजरात या इंदौर से बुलवाती हैं।

दरअसल उनके डॉक्टर ने जो दवाइयां लिखी हैं, उनमें से कुछ औषधि व प्रसाधन अधिनियम के शेड्यूल एक्स में दर्ज हैं। शेड्यूल एक्स की दवाइयां हर मेडिकल स्टोर पर नहीं बेची जा सकती। जिले में 374 पंजीकृत केमिस्ट हैं, लेकिन शेड्यूल एक्स की अनुमति सिर्फ एक के पास है। लेकिन 16 मई को एक केस के बाद ये स्टोर बंद है। विभाग ने इसका लाइसेंस निलंबित कर रखा है।

साधना की तरह और भी मरीज हैं, जिन्हें शेड्यूल एक्स में आने वाली दवाईयों की जरूरत पड़ती हैं। इनमें नींद की गोलियां भी शामिल हैं। दूसरी ओर अवैध रूप से इन दवाईयों का अन्य मेडिकल स्टोर पर विक्रय तो नहीं हो रहा, ये देखने के लिए औषधि प्रशासन विभाग अब हर मेडिकल स्टोर की जांच करेगा।

ये निर्देश कलेक्टर नेहा मीना ने बुधवार को नारकोटिक्स एवं अन्य नशीली दवाओं के नियंत्रण व रोकथाम के लिए नारकोटिक्स कोआर्डिनेशन की बैठक में दिए। बैठक में नशे की लत वाले लोगों का नशा छुड़वाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाने के साथ जिले में चलने वाले मेडिकल स्टोर को लेकर भी चर्चा हुई।

ये है शेड्यूल एक्स औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के तहत शेड्यूल एक्स में उन दवाओं के नाम दर्ज हैं, जो नारकोटिक्स और साइकोलॉजिकल दवाओं की श्रेणी में आती हैं। ये दवाएं सीधे दिमाग पर प्रभाव डालती हैं। जिसके चलते गलत खुराक या ओवरडोज की स्थिति में घातक हो सकती हैं। ये दवाएं खरीदने के लिए रजिस्टर्ड मेडिकल प्रेक्टिशनर की पर्ची होना जरूरी है। अनुमति प्राप्त केमिस्ट पर्ची लेकर ही ये दवाएं दे सकते हैं। उन्हें भी दो साल तक ये पर्ची संभालकर रखना होती है।

ड्रग इंस्पेक्टर को नोटिस

जिस मेडिकल स्टोर को शेड्यूल एक्स की दवाइयां बेचने की अनुमति है, उसे 16 मई को प्रशासन ने सील किया था। गलत दवा देने के कारण महिला की मौत के प्रकरण के बाद इसका लाइसेंस निलंबित है। कलेक्टर ने संयुक्त दल के माध्यम से सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम 2003 (कोटपा) के अंतर्गत शैक्षणिक संस्थानों के 100 मीटर की परिधि में स्थित दुकानों की जांच करने को कहा।

ड्रग इंस्पेक्टर गीतम पाठोदिया को इस मामले में नोटिस भी दिया गया। नियमित रूप से निरीक्षण नहीं करने पर ये नोटिस दिया गया। बैठक में एसपी पद्म विलोचन शुक्ल, एएसपी पीएल कुर्वे, सीएमएचओ बीएस बघेल, जिला शिक्षा अधिकारी आरएस बामनिया सहित अन्य अफसर मौजूद थे।