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स्वीमिंग पूल निर्माण में गड़बड़ी पर बड़ी कार्रवाई, ठेकेदार ब्लैकलिस्ट, अफसरों पर जांच शुरू

 

Burhanpur News: बुरहानपुर में साल 2017 में 1.51 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए स्वीमिंग पूल में निर्माण गड़बड़ी और अनियमितता के मामले में नगर निगम ने ठेकेदार भूपेंद्र चौहान का लाइसेंस दो साल के लिए निरस्त कर उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया है। साथ ही ठेकेदार के खिलाफ पुलिस में केस भी दर्ज कराया गया है। वहीं, इस घटिया निर्माण की निगरानी करने वाले दो सेवानिवृत्त उपयंत्री और एक वर्तमान उपयंत्री के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं।

यह स्वीमिंग पूल रेणुका देवी उद्यान के पास बनाया गया था, लेकिन आठ साल बाद भी शुरू नहीं हो सका है। 2022 में एक बार टैंकर से पानी भरकर इसे शुरू करने की कोशिश की गई, लेकिन मेन बॉडी से रिसाव की समस्या सामने आई, जिससे संचालन संभव नहीं हो पाया।

इसके बाद संभाग स्तरीय जांच टीम बनाई गई, जिसने निरीक्षण में पाया कि चैनल में झाड़ियां और पेड़ उग आए हैं, क्लोरीन डोजिंग और फिल्टर मशीनें खराब हैं, टाइल्स उखड़ चुकी हैं और लाइटें टूटी हुई हैं। दीवारों में दरारें थीं और पंप रूम के बीम भी मुड़े हुए मिले। रिपोर्ट में यह स्पष्ट लिखा गया कि स्वीमिंग पूल को उपयोग में नहीं लाया जा सकता।

नगर निगम ने सेवानिवृत्त उपयंत्री सगीर अहमद और अनिल गंगराड़े से जवाब मांगा है। वहीं वर्तमान उपयंत्री अशोक पाटिल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी गई है। तीनों के खिलाफ आरोप पत्र जारी कर जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

विधानसभा में इस मामले को पहली बार 31 जुलाई 2011 को विधायक अर्चना चिटनीस ने तारांकित प्रश्न के जरिए उठाया था। इसके बाद से ही निर्माण प्रक्रिया पर सवाल उठते रहे। शुरू में इस प्रोजेक्ट को पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि और स्कूल शिक्षा विभाग की मदद से 1.35 करोड़ रुपये की लागत में मंजूरी दी गई थी, लेकिन 2017 में निर्माण तक यह बढ़कर 1.51 करोड़ रुपये हो गई। निर्माण के समय ही भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे और उद्घाटन के समय विपक्ष ने जल संकट का मुद्दा उठाकर विरोध किया था।

नगर निगमायुक्त संदीप श्रीवास्तव ने बताया कि मरम्मत का जो भी खर्च आएगा, वह ठेकेदार से वसूला जाएगा। साथ ही विभागीय जांच की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। जांच में सहयोग न करने पर अफसरों के खिलाफ एकपक्षीय कार्रवाई की जाएगी।