पराली नहीं जलाने वाले किसानाें को मध्यप्रदेश सरकार देगी पैसे
मध्यप्रदेश सरकार ने अपने यहां पराली जलने के बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के लिए नई योजना बनाई है। जो किसान सरकार की कुछ शर्तों को पूरा करेंगे, उनको सरकार की तरफ से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इन शर्तों में पराली जलाने से मुक्ति के साथ-साथ कीटनाशकों का कम से कम इस्तेमाल भी शामिल है। ऐसे किसानों को सरकार 1500 रुपये से लेकर 3 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि देगी।
मध्यप्रदेश सरकार ने हाल ही अन्नदाता मिशन के तहत योजना शुरू की है। इसे कृष्ण कल्याण मिशन का नाम भी दिया गया है। इस योजना के तहत किसानों की आय बढ़ाने के साथ-साथ जलवायु अनुकूल खेती और फसलों के सही दाम दिलाना है। 15 अप्रैल को हुई कैबिनेट की बैठक में इस मिशन को मंजूरी दे दी गई है। इस मिशन को पूरा करने के लिए सरकार ने 2028 तक का लक्ष्य भी लिया है। इस योजना के तहत 2.69 लाख वनाधिकार पट्टाधारी किसानों को शत-प्रतिशत लाभ देना है।
किसानों के कल्याण की योजना
यदि हम मध्यप्रदेश की बात करें तो यहां पर लघु और सीमांत किसानों की संख्या बहुत ज्यादा है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि इन किसानों के पास उच्च तकनीक और संसाधनों की कमी है। यह सभी किसान मानसून पर ही निर्भर रहते हैं। ऐसे में किसान फसल का पूरा उत्पादन भी नहीं ले पाते और फसल का भाव भी उनको उचित नहीं मिल पाता है। अन्नदाता की आय बढ़ाने के लिए सरकार ने यह नई योजना बनाई है। इसके तहत कृषि विभाग, उद्यानिकी एवं फूड प्रोसेसिंग, खाद एवं नागरिक आपूर्ति, सहकारिता, पशुपालन, डेयरी और मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास विभाग को जोड़ा गया है। सभी विभाग मिलकर किसानों के लिए काम करेंगे। सभी विभाग किसानों को जागरूक करेंगे। किसानों को जलवायु अनुकूल खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। जिन फसलों का किसान उत्पादन करें वह पोषण और खाद्य सुरक्षा को भी तय करते हों। इसके अलावा इस योजना के तहत गोशालाओं को बढ़ावा देने का भी काम किया जाएगा। इसके लिए आहार, डॉक्टर्स, पैरामेडिकल स्टाफ की व्यवस्था सरकार अपने स्तर पर करेगी।
किसानों के लिए कुछ शर्त
सरकार ने किसानों के लिए शर्त भी रखी हैं। इन सभी शर्तों को पूरा करने वाले किसान को सरकार की तरफ से 3 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसके लिस किसानों को पराली जलाने से मुक्ति पानी होगी, वहीं खेती के लिए किसी बैंक से लिए गए ऋण का भुगतान समय पर करना होगा। तीसरी शर्त यह होगी कि किसानों को कीटनाशकों का कम इस्तेमाल करना होगा। किसानों को जैविक खेती पद्धति को अपना होगा। वहीं तिलहन और दलहन की फसलें और डि्रप इरिगेशन पद्धति को बढ़ावा देना होगा। मध्यप्रदेश में किसानों को इस समय प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत 12 हजार रुपये प्रति वर्ष मिल रहे हैं। इन सभी 5 शर्तों को जो किसान पूरा करेंगे उनको 15 हजार रुपये तक मिल सकते हैं।