मध्यप्रदेश में कृषक कल्याण मिशन को मंजूरी, ग्रामीण अर्थव्यवस्था होगी मजबूत
मध्यप्रदेश सरकार ने कृषक कल्याण मिशन को कैबिनेट में मंजूरी दे दी। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। इस नई नीति के तहत किसानों की आय भी बढ़ेगी। यह फैसला मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता की बैठक में लिया गया।
कैबिनेट की बैठक के बाद जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव ने बताया कि किसानों की आय बढ़ाने तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए मध्य प्रदेश कृष्ण कल्याण मिशन को हरी झंडी दी गई है। इस योजना के तहत विभिन्न विभागों की योजनाओं को एक मंच पर लाया जाएगा और ग्रामीण क्षेत्र की मजबूती के लिए योजनाएं बनाई जाएंगी।
इसके लिए साधारण सभा के अध्यक्ष खुद मुख्यमंत्री होंगे तथा मुख्य सचिव कार्यकारिणी समिति की अध्यक्षता करेंगे। जिला कलेक्टर इस मिशन का जिला स्तर पर संचालन करेंगे। इस योजना के तहत कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य पालन, सहकारिता और उपभोक्ता संरक्षण जैसे विभागों की योजनाओं को समायोजित करके लागू किया जाएगा। इसके तहत किसानों की आय को दुगुना करना मुख्य उद्देश्य होगा जबकि कृषि को जलवायु के अनुकूल बनाना, धारणीय एवं जैविक कृषि पद्धतियों को बढ़ाकर पारंपरिक खेती का संरक्षण करना है। किसानों को इस योजना के तहत उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाना होगा।
26 हजार गांवों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य
इस योजना के तहत 26 हजार गांवों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत दूध संकलन नेटवर्क ज्यादा मजबूत होगा। सहकारिता विभाग के माध्यम से दुग्ध उत्पादन से जुड़ी योजनाओं को गति दी जाएगी। दूध प्रसंस्करण की क्षमता को बढा़कर 50 लाख लीटर प्रतिदिन करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा मछुआरों को भी शून्य ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा। इसक तहत फिशरमैन क्रेडिट कार्ड योजना को बढ़ावा दिया जाएगा। इन सभी योजनाओं का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण विकास को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत सूक्ष्म सिंचाई को 20 प्रतिशत क्षेत्रफल तक ले जाने की योजना को भी मंजूरी दी गई है। वहीं कृषि यंत्रों को 1.5 गणा तक बढ़ाया जाएगा। नरवाई जलाने से प्रदेश को मुक्त करने का संकल्प भी लिया गया।
250 से अधिक पदों पर होगी भर्ती
कैबिनेट बैठक में आईसीजेएस योजना के संचालन के लिए दो प्रोग्रामर और 248 डॉटा एंट्री ऑपरेटर भर्ती करने को भी मंजूरी दी गई। जल्द ही यह भर्तियां आउटसोर्सिंग के माध्यम से की जाएंगी। वही जबलपुर मंडल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण कार्यालय और आवासीय परिसर के निर्माण को भी मंजूरी दी गई। इसके लिए 0.80 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई।