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पांच साल में सबसे कम बरसात, बढ़ी गर्मी और बीमारियों का खतरा

 

Burhanpur News: जिले में इस बार मानसून का असर कमजोर रहा। अभी तक कुल 24 इंच ही बारिश हुई है, जो पिछले पाँच सालों में सबसे कम है। 2021 में इसी अवधि तक 26.36 इंच पानी बरसा था। सामान्य बारिश का कोटा पूरा करने के लिए अभी लगभग 9 इंच पानी की जरूरत है। लेकिन फिलहाल आसमान साफ है और मौसम विभाग ने 15 सितंबर तक बारिश की संभावना न के बराबर बताई है।

पिछले तीन दिनों से जिले में बारिश बिल्कुल नहीं हुई, जिससे तापमान बढ़कर 31 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। रात का पारा भी 24 डिग्री पर बना हुआ है। दिनभर तेज धूप और उमस से लोग परेशान हैं। सड़कों पर बिछी मुरम सूखकर धूल उड़ाने लगी है। सितंबर की शुरुआत में हुई जोरदार बारिश ने जून-जुलाई की कमी कुछ हद तक पूरी की थी, लेकिन कुल आंकड़ा अब भी सामान्य से कम है।

बारिश की कमी का असर फसलों पर दिखने लगा है। केला उत्पादकों को सीएमवी वायरस के प्रकोप का डर सताने लगा है। विशेषज्ञ बताते हैं कि तापमान में अचानक उतार-चढ़ाव से यह वायरस तेजी से फैलता है और अगस्त-सितंबर इसका सबसे सक्रिय समय होता है। इससे किसान खासे चिंतित हैं।

पानी की कमी का असर केवल कृषि तक सीमित नहीं रहेगा। यदि सितंबर में पर्याप्त बरसात नहीं हुई तो आने वाले महीनों में पीने और सिंचाई के पानी की समस्या खड़ी हो सकती है। खासकर बुरहानपुर और धुलकोट क्षेत्र में अब तक सबसे कम वर्षा दर्ज हुई है। खकनार और नेपानगर की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर है, लेकिन समग्र स्तर पर जिले को मानसून ने निराश किया है।

मौसम में बदलाव का असर स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है। उमस और गर्मी के कारण मच्छरों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। बारिश के बाद जगह-जगह जमा पानी डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों को जन्म दे सकता है। जिला अस्पताल में पहले ही वायरल बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ी है और आने वाले दिनों में और अधिक मरीज आने की आशंका जताई जा रही है।

मौसम विभाग के अनुसार, 15 सितंबर के बाद मानसून वापसी करेगा, लेकिन उससे सामान्य वर्षा की ही उम्मीद है। ऐसे में इस साल जिले को औसत से कम पानी पर ही निर्भर रहना पड़ सकता है।