कृषि उपज मंडी में 1 करोड रुपए का गेहूं नीलामी में किसानों ने बेचा लेकिन भाव कमजोर रहे।
गज्जर क्वालिटी का गेहूं 2380 से 2425 रुपए, जबकि लोकवन 2700 से 3020 रुपए ही बिक पाया। इस समय गेहूं की मांग लोकल और बाहर से नहीं आने से खरीदा गेहूं गोदाम में डंप करना पड़ रहा है। अब इस प्रकार का खरीदा गेहूं सारटेक्स मशीनों पर पहुंचने से इन स्थानों पर गेहूं की ट्रालियों की कतार लग जाती है। मशीन क्लीन गेहूं ही अब बिकने लगा है।
इस वर्ष सारटेक्स गेहूं अधिक होने से इसका रिडक्शन अथवा छानन का स्टॉक बढ़ता जा रहा है। भाव कमी और खरीदी नहीं होने से 100 रुपए नीचे भाव पर भी खरीदार आसानी से तैयार नहीं हो रहे हैं। देखा जाए तो गेहूं इस वर्ष सस्ते से सस्ते भाव पर बिक रहा है। इस साल मंडी में रिकॉर्ड आवक होने पर अधिकांश व्यापारियों ने स्टाक कर लिया था।
अब ऑफ सीजन में तेजी वाले भाव नहीं आए बल्कि सीजन से भी 25 रुपए सस्ते भाव हो गए। रोज सैंपल गेहूं ब्रोकरेज के पास पहुंच रहे हैं, लेकिन सौदा कम से कम होने से स्टॉक वालों को नुकसान के बाद भी बिक्री नहीं मिल रही है। गेहूं कारोबारी के अनुसार गेहूं में कभी भी नुकसान नहीं मिलता, लेकिन इस वर्ष मिल रहा है।
इधर किसानों के पास भारी मात्रा में गेहूं होने से हजारों बोरी की बिक्री नीलाम में हो रही है। एफसीआई ने भी अपने गोदाम में डंप पड़े गेहूं की बिक्री शुरू कर दी है। बुधवार को 80 हजार क्विंटल की बिक्री के ऑनलाइन टेंडर आटा मिल वालों के लिए होंगे। ऐसे में कारोबारी का गेहूं कम भाव पर भी बिकने से रुक जाता है।
2025 से 2026 के गेहूं के समर्थन दाम 2585 और 15 बोनस भाव से 2600 रुपए के भाव पर किसानों से खरीदी की जाएगी। उज्जैन के आटा निर्माताओं के अनुसार शादी-विवाह की खरीदी चल रही है, लेकिन टूरिस्ट का आना कम होने से आटा स्थिर भाव 890 का 30 किलो ही बिक रहा है। अगर ऐसा ही रहा तो आटा प्रति कट्टा 20 रुपए गिरावट वाले भाव पर भी बिक सकता है। इस समय भाव कमी मुश्किल बताई गई।

