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एमपी में पट्टेधारियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मुफ्त में मिलेगा मल्टी फ्लैट

Lease holders in MP will get multi flats for free under Pradhan Mantri Awas Yojana
 

इंदौर की आरई-2 के निर्माण में बाधक मकानों को हटाने के लिए लंबे समय से चल रही याचिका पर मंगलवार को हाईकोर्ट ने फैसला सुना दिया। जस्टिस विजय कुमार शुक्ला और जस्टिस डीवी रमना की युगलपीठ ने इसकी जद में आ रहे पट्टेधारियों को प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाय) की मल्टी में फ्लैट देने के लिए 2 लाख रुपयों की मांग को गलत ठहराया।

 कोर्ट ने पट्टेधारियों को बगैर रुपए लिए फ्लैट देने को आदेश जारी किया। अभिभाषक अभिनव धानोतकर ने बताया, भूरी टेकरी से नेमावर होते हुए आरटीओ तक बनाई जा रही आरई-2 सड़क के खिलाफ हाईकोर्ट में अलग-अलग 19 याचिकाएं दायर हुईं थीं। इनमें से कुछ याचिकाएं वापस ले ली गईं थी, जबकि तीन पर बहस हुई। 

इसमें 55 प्रभावित शामिल थे। ये वो लोग थे, जिन्हें सरकार ने वर्ष 2013 में पट्टे अलॉट किए थे और वे यहां रह रहे थे। इन याचिकाओं पर कोर्ट में पिछले दिनों हुई बहस के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

अलाइनमेंट बिंदु अस्वीकार

आरोप था कि निगम जो सड़क बना रही है, उसमें कुछ लोगों को फायदा देने आरई-2 अलाइनमेंट बदला गया। कोर्ट ने आदेश में लिखा है, चूंकि याचिकाकर्ता पट्टाधारी हैं, ऐसे में अलाइनमेंट को लेकर उठाया गया सवाल वाजिब नहीं है, इसलिए इसे याचिका में शामिल नहीं किया गया है।

फैसले में कोर्ट ने याचिका के एक बिंदु को मान्य किया है। इसमें कोर्ट ने इस बात को सही माना कि जिन्हें पट्टे अलॉट किए गए थे, उन्हें जनहित में हटाकर प्रधानमंत्री आवास योजना में 2 लाख रुपए में फ्लैट देना गलत है। दरअसल नगर निगम इन्हें हटाकर प्रधानमंत्री आवास योजना के फ्लैट में शिफ्ट कर रही थी, जिसके लिए उन्हें दो लाख की रियायती दरों पर फ्लैट अलॉट किए जा रहे थे। कोर्ट ने आदेश में लिखा, जिन पट्टेधारियों को हटाया जा रहा है, उन्हें नगर निगम फ्री में फ्लैट दे। कोर्ट ने इन याचिकाओं में उठाए गए बाकी के सभी बिंदुओं को खारिज कर दिया।

पूरे प्रदेश में होगा असर

फैसले का असर पूरे प्रदेश में होगा। इंदौर सहित अधिकतर नगर निगम प्रभावितों को पीएम आवास योजना में शिफ्ट कर देती थी। इंदौर में साउथ तोड़ा, बियाबानी, कुलकर्णी भट्टा पुल के बाधकों को निगम ने इसी तरह विस्थापित किया था। जिन्हें शिफ्ट किया जाता था, निगम उनसे 2 लाख रुपए ही लेती थी, जबकि फ्लैट बुक कराने वालों से 7.5 लाख रुपए लिए जाते हैं। अब फ्री में फ्लैट देना होगा। नगर निगम को आरई-2 में ही लगभग 1 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान होगा